चित्तौड़गढ़ में पिछले करीब 1 महीने से जहां बजरंग दल और कहीं ग्रामवासियों द्वारा निरंतर औद्योगिक इकाइयों द्वारा किए जा रहे अवैध जल दोहन के खिलाफ विरोध जारी है, जगह-जगह नुक्कड़ नाटक, धरना प्रदर्शन, ज्ञापन आदि दिए जा रहे हैं इसके बावजूद भी प्रशासन की नाक के नीचे कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा अपने खेतों से जल का विक्रय इन औद्योगिक इकाइयों को किया जा रहा है इसके बावजूद भी प्रशासन बेखबर है।
बता दें कि रिठाला चौराहे से कपासन चौराहे के बीच बाईपास पर जगह जगह खेतों पर औद्योगिक इकाइयों के लिए अवैध रूप से खेत मालिकों द्वारा बड़े टैंकर भरे जा रहे हैं जोकि दिन में कहीं टैंकर पानी अवैध रूप से इन औद्योगिक इकाइयों में पहुंच रहा है जिसके चलते चित्तौड़गढ़ जिला जल संकट की ओर बढ़ता नजर आ रहा है बावजूद इसके अभी तक कोई बड़ी कार्रवाई इन औद्योगिक इकाइयों पर होती नजर नहीं आ रही, जहां एक और बजरंग दल और ग्रामीणों द्वारा लगातार इसका विरोध किया जा रहा है इसके बावजूद भी पैसे के लालच में कुछ लोगों द्वारा समाज हित के विरोध में जाकर इस तरह का कार्य किया जा रहा है फिर भी प्रशासन बेखबर है जबकि रिठौला चौराहे से कपासन चौराहे के बीच बाईपास पर बड़ी संख्या में प्रतिदिन पानी के टैंकर भरे रहे हैं जिससे न सिर्फ पानी का अवैध दोहन हो रहा बल्कि यह बड़े वाहन सड़के तोड़ने का कार्य कर रहे हैं तथा आए दिन इनकी वजह से दुर्घटनाएं भी हो रही है आमजन को जान माल की हानि है इसके बावजूद भी प्रशासन का इस और बड़ा कदम नहीं उठाना और जिले भर के दोनों राजनीतिक पार्टियों के नेताओं का चुप रहना जिलावासियों के लिए गहरा जल संकट पैदा करता नजर आ रहा है जिसका आमजन विरोध कर रहा है। ऐसे में प्रशासन को ऐसे लोगों पर कड़ी कार्रवाई करने की आवश्यकता है अब ऐसी इन लोगों पर कार्यवाही कब होगी ओर कब आमजन को न्याय मिलेगा यह तो समय के गर्त में है।