Invalid slider ID or alias.

संत समाज को सही दिशा दिखाने के लिए मक्खन से भी कोमल होते हैं-  श्री विजय मुनि।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।

आचार्य सम्राट डॉ. शिव मुनि जी म सा के आज्ञानुवर्ती पूज्य प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म सा ने आज होली चातुर्मास पर्व की प्रवचन श्रृंखला के अंतर्गत रविवार को खातर महल में धर्म सभा को संबोधित करते हुए बताया कि संत वज्र के समान कठोर भी होते हैं और मक्खन के समान कोमल भी होते हैं।अपनी संयमी यात्रा के लिए वे स्वयं के लिए तो वज्र से भी कठोर क्रियाओ का पालन करते हैं लेकिन अन्य श्रावक श्राविका और संत समाज को सही दिशा दिखाने के लिए मक्खन से भी कोमल होते हैं। उनके प्रति हमेशा सरलता बनाए रखते हैं ।
प्रचार प्रसार मंत्री सुधीर जैन ने विज्ञप्ति में बताया कि पूज्य प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म सा ने आज खातर महल धर्म सभा में आगामी 2021 के चातुर्मास हेतु श्रमण संघीय संत साध्वियों के चातुर्मास की घोषणा की । पूज्य प्रवर्तक श्री विजय मुनि जी म सा आदि ठाणा का चातुर्मास नीमच शहर श्री संघ को प्रदान किया गया है। पूज्य प्रवर्तक जी ने परम पूज्य डॉ. समकित मुनि जी म सा का चातुर्मास चित्तौड़गढ़ खातर महल में श्री संघ को प्रदान करने की घोषणा की।
उप प्रवर्तक श्री प्रदीप मुनि जी म सा ने कहा कि संतों की वाणी को सुनकर उसे जीवन में उतारने का प्रयास करें। सिर्फ वाणी को सुन लेंगे और उसे जीवन में नहीं उतारेंगे तो ऐसी वाणी को सुनने का कोई फायदा नहीं मिलेगा। हम जीवन में आशावादी बने रहें, निराशा को अपने ऊपर कभी हावी नहीं होने दे तभी हम आत्मा का कल्याण कर पाएंगे ।मन को नियंत्रण में रखना होगा और विनय को जीवन में उतारना होगा।उन्होंने सागर की तरह गंभीर रहने की बात की और कहा कि जिस तरह सागर छलकता नहीँ है उसी प्रकार हमे भी छोटी मोटी समस्याओं से घबराना नहीँ चाहिए।उन्होंने गुरु की महत्वता बताई व कहा कि गुरु को सदैव हृदय में बिठाना चाहिए।


उप प्रवर्तक डॉ. सुभाष मुनि जी म सा ने कहा कि जीवन एक पानी के बुलबुले,आकाश में चमकते सितारे की तरह है। जिस व्यक्ति में गुण ज्यादा हो और अवगुण कम हो उसी व्यक्ति का जीवन उत्तम है। उन्होंने श्रावक श्राविकाओं से कहा कि श्रमण संघ अपना घर है व अपने घर को छोड़ कर पराए घर का आसरा कभी नहीं ढूंढना चाहिए। श्रमण संघ की विशालता का प्रभाव है कि पिछले दो वर्षों में 50 से अधिक साधु संत श्रमण संघ की विशालता और सरलता के कारण श्रमण संघ में सम्मिलित हुए हैं।
उन्होंने द्रव्य होली के स्थान पर भाव होली खेलना जरूरी बताया।भाव होली में विकारों, व्यसनों, अवगुणों, दुर्भावनाओं की होली जलाएंगे तभी हमारा जीवन उत्तम बन पाएगा।भावनाओं व क्षमताओं के रंगों की पिचकारी से खेली गई होली ही सार्थक कहलाएगी। उन्होंने जीवन में लूट, फूट और माथाकूट से बचने की बात कही ।उप प्रवर्तक श्री चंद्रेश मुनि जी म सा ने कहा कि हमारा देश पर्व प्रधान देश है ।हर पर्व के साथ हमारी सभ्यता और संस्कृति जुड़ी हुई है ।हर पर्व को मनाना हमारा अधिकार है किंतु अधिकार के साथ विवेक का उपयोग भी करना चाहिए। उन्होंने श्रमण संघीय आचार्य सम्राट श्री आनंद ऋषि जी म सा के सदगुणों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आनंद ऋषि जी म सा छोटे-छोटे बच्चों को भी सम्मान के साथ पुकारते थे ।उन्होंने कई वर्षों तक श्री संघ का कुशलता पूर्वक संचालन किया।धर्म सभा को उप प्रवर्तिनी साध्वी रत्ना श्रीशांता कंवर जी म सा, श्री कीर्ति सुधा जी म सा और श्री देशना जी म सा ने भी संबोधित किया। धर्म सभा में आज नीमच, निम्बाहेड़ा, हमीरगढ़ आदि कई संघों के श्रावक श्राविका गुरु दर्शन के लिए पधारे व दर्शन लाभ प्राप्त किया ।


श्रमण संघीय आचार्य सम्राट डॉ. आनंद ऋषि जी म सा का 29 वां पुण्य स्मृति दिवस और पूज्य गुरुदेव श्री नाथू लाल जी म सा का 54 वां पुण्य स्मृति दिवस सामयिक दिवस के रूप में मनाया गया ।कल के प्रवचन प्रातः 9:00 से 10.30 बजे तक होंगे धर्म सभा का संचालन करते हुए श्री संघ मंत्री अजीत नाहर ने बताया कि आज कई साधकों के तेले तप की आराधना है। आज सांयकाल का प्रतिक्रमण पुरुषों का नए स्थानक भवन में और महिलाओं का खातर महल में होगा ।श्री संघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया ने अधिक से अधिक संख्या में पधार कर प्रतिक्रमण का लाभ लेने का अनुरोध किया।

Don`t copy text!