वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़।विप्र परशुराम शक्ति की चित्तोड़ प्रान्त उपाध्यक्ष साधना सारस्वत ने बताया कि संस्थापक एवं प्रधान अध्यक्ष आचार्य दीदी ज्योतिषाचार्य सरस्वती देवकृष्ण गौड़ के निर्देशानुसार एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारती वैष्णव के संयोजन में चित्तोड़ जिले की कार्यकारिणी का विस्तार किया गया जिसमें जिला अध्यक्ष विष्णुकांता उपाध्याय ने विजय लक्ष्मी ओझा, कल्याणी दीक्षित एवं आभा शर्मा को सरंक्षक,भारती दाधीच एवं लता वैष्णव को महामंत्री, नीता भट्ट को वरिष्ठ उपाध्यक्ष,संगीता ओझा को मीडिया प्रभारी, भगवती आचार्य कैलाश नगर कपासन चौराया, गायत्री वैष्णव किला को उपाध्यक्ष, दीप्ति व्यास को प्रेस प्रवक्ता, विमला गौड़ एवं संतोष शर्मा को सचिव,नीलू मिश्रा को संयुक्त मन्त्री,गीता देवी तिवारी एवं दमयंती मेनारिया अंबे नगर को प्रचार मन्त्री,कृष्णा शर्मा प्रताप नगर , मिली गॉड कुंभा नगर को सचिव, स्नेह लता पारिक,चंदा शर्मा कुंभा नगर को प्रचार मंत्री मनोनीत किया।कार्यकारिणी विस्तार के पश्चात मनोनयन की सूची प्रांतीय अध्यक्ष रेखा हरित को प्रेषित की गई।
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भारती वैष्णव ने मनोनीत सभी पदाधिकारी को विप्र परशुराम शक्ति के द्वारा देशभर में अनवरत सम्पादित हो रहे कार्यो की जानकारी देते हुए बताया कि ये संगठन एक परिवार की भाँति ब्राह्मणों को एक दूसरे से जोड़ कर उन्हें संगठित करने के प्रयासों में लगा हुआ है।ब्राह्मण समाज और हमारी आगामी पीढ़ी को अपनी परम्पराओं,रीति रिवाजों, संस्कृति से पुनः जोड़ते हुए उन्हें संस्कारवान करने की जिम्मेदारी हम मातृशक्ति की है और हम सब मिलकर न केवल हमारे युवा शक्ति को संस्कारित करके उन्हें ब्राह्मण कुल की गरिमा का ज्ञान कराएंगे बल्कि अन्य समाज के लोगों को भी संस्कारित करेंगे।संगठन में बहुत शक्ति होती है।जब मिलकर कोई सामूहिक प्रयास किया जाता है तो उसका सुखद परिणाम अवश्य मिलता है। हमारा विप्र परशुराम शक्ति रूपी ये संगठन अपने नेक उद्देश्यों के साथ ब्राह्मण समाज के हितों को संरक्षित करने का लगातार प्रयास कर रहा है और इसका प्रारम्भ मातृशक्ति के द्वारा किया गया है।
मनोनीत सभी पदाधिकारियों ने अपने दायित्व के प्रति पूर्ण निष्ठावान होकर सक्रिय कार्य करने का भरोसा जताते हुए राष्ट्रीय कार्यकारिणी एवं प्रांतीय कार्यकारिणी का आभार प्रकट किया।
साथ ही राधा कृष्ण मंडल कुंभा नगर एवं विप्र परशुराम शक्ति का सामूहिक आयोजन मिली गोड के आवास पर हुआ।