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शंभूपुरा आदित्य के चंदा डाँगी बने महिलाओ के लिए मिशाल, बरसो से चला रहे प्लास्टिक मुक्त भारत अभियान।

“वीरधरा की वीर मातृशक्ति”


जहा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस आ रहा है वही ऐसे में महिला शक्ति द्वारा किये गए उत्कृष्ट कार्यो को पब्लिक एप जन जन तक पहुचा रहा है इसी क्रम में चित्तौड़गढ़ जिले के शंभूपुरा स्थित आदित्य सीमेंट में रहने वाले अजय कुमार डाँगी के पत्नी चंदा डाँगी महिलाओ के लिए मिशाल बने है, ये शुरू से ही सामाजिक कार्यो, स्वास्थ्य अभियान, प्लास्टिक मुक्त अभियान, आदि कही अभियानों से जुड़े होकर सामाजिक सरोकारों के कार्य मे जुटे रहते है।
चंदा डाँगी स्वयम भी कभी प्लास्टिक का स्तेमाल नही करते है वही दुसरो को भी इसके लिए प्रेरित करते है, ना उन्होंने कभी जीवन मे प्लास्टिक का स्तेमाल किया ना डिस्पोजल, ओर वो सेकड़ो स्कूलों में जाकर बच्चो ओर शिक्षकों को कागज के लिफाफे बनाना, कपड़े की थैली बनाना, अपने आसपास साफ सफाई रखना आदि सिखाते है, चंदा डाँगी करीब 1 दर्जन से भी अधिक राज्यस्तरीय ओर राष्ट्रीय संघठनो से जुड़े होकर हमेशा सेवा कार्यो में जुटे रहते है, उनके हाथ से बनी कपड़े की थैली देश भर के बड़े बड़े शहरों में पहुच चुकी है और लोग बहुत पसंद करते है, ये कही बार बड़े स्तरों पर सम्मानित हो चुके है, इन्होंने कोरोना काल मे भी महिला संगठन को साथ मे लेकर हजारो मास्क बनाकर जरूरतमंदों को बांटे है, यही नही ये एक बहुत अच्छे कवियित्री होकर कविता और काव्य पाठ में भी कई सम्मान से नवाजे जा चुके है।
जैन परिवार से सम्बंध रखने वाले हमेशा से सेवा कार्यो ओर अपना जीवन दुसरो के लिए समर्पित करने वाले चंदा डाँगी ना सिर्फ गांव जिला बल्कि प्रदेश और देश मे अपनी अलग ही पहचान बनाकर महिला शक्ति के लिए मिशाल बने है।

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