वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़ @ डेस्क
जिला पुलिस अधीक्षक चित्तौड़गढ़ के निर्देशानुसार बाल-श्रम की रोकथाम हेतु पुलिस सेवा के जवानो को बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम 1986 तथा बालक किसोर की परिभाषा नियोजक एवं बालश्रम से सम्बंध बाल कल्याण समिति के चाईल्ड लाइन के
पुलिस एवं मानव तस्करी युनिट श्रम विभाग, सामाजिक न्याय शिक्षा विभाग, बाल अधिकारिता के अपने अपने जिम्मे के कार्य आदि जानकारी श्रम विभाग के सहायक प्रशासनिक अधिकारी मदन सालवी ओजस्वी द्वारा प्रदान करने के साथ ही अनेकों प्रश्नों का समाधान भी किया गया।
ओजस्वी ने बताया कि संयुक्त टीम के मार्फ़त बाल श्रम करते बालकों का रेस्क्यु किया जाना, बाल कल्याण समिति द्वारा बच्चों का संरक्षण प्रदान करना, शिक्षा से जोड़कर भविष्य बहतर बनाना नियोजकों के विरुद्ध कार्रवाई तथा सजा व जुर्माना होना,रेस्क्यू किये बालकों को शिक्षा से जोडते हूए पुनर्वास किया जाना, शिक्षा पाने की उम्र तक कोई भी बच्चों से बाल श्रम नहीं कराएं, नियोजकों द्वारा श्रमिके के अधार कार्ड,निवास के कागजात सहित कार्य के घंटे, साप्ताहिक अवकाश तथा लंच का अवकाश दिया जाना, रेकार्ड रखा जाना आदि जानकारी दी गई। साथ ही कहा कि बाल एवं किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 की जानकारी के साथ ही बालक एवं किशोर कहां कहां काम नहीं कर सकते, बच्चों से काम कराने पर
नियोजकों को दंड व जुर्माना रेस्क्यू दल से सम्बंधित जानकारी के साथ ही सामाजिक कुरीतियां से परिवारों के आर्थिक हालातों के ख़राब चलते बाल श्रम की मजबूरी होना, भिक्षावृत्ति की जातिय परम्परा होना, बच्चों का मानसिक शारीरिक व शेक्षिक विकाश के प्रति जिम्मेदारी, आदि विषयो पर पुलिस के जवानों को जानकारी प्रदान की।
जानकारी प्रशिक्षण के दोरान पुलिस के जवान बाल मुकुंद मेनारिया, धर्मेंद्र भेरू लाल, डूंगरसिंह, हेमंत सिंह, सोहन लाल, जितेन्द्र कुमार, दिनेश कुमार, जितेन्द्र, भवराराम, गोपाल, गोविन्द, मांगीलाल, सुरेश कुमार, कुलदीप, रामावतार, मीना, आरती, रेखा आदि नेबाल एंव किशोर श्रम प्रतिषेध एवं विनियमन अधिनियम 1986 पर गहनता से समझते हुए बारिकी से बाल श्रम उन्मूलन को समझा।