वीरधरा न्यूज़।कुशलगढ़@ श्री ललित गोलेछा।
शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा ने कुशलगढ़ के समीप 9 किलोमीटर दूर डूंगलापानी गांव में पहुंचकर पीडि़त मां वृद्धा रमा बाई को सांत्वना दी। वहीं ग्रामीणों को शराबबंदी के लिए जागरूक किया। छाबड़ा ने पीडि़त के घर पर चौपाल लगाकर ग्रामीणों से समझाईश की। उन्होंने कहा कि इस तरह की घटनाएं परिवार, समाज और क्षेत्र के लिए न केवल दु:खद् है वरन मानवता को झकझोर देने वाली भी है। उन्होंने कहा कि अब वक्त आ गया है कि महिलाओं, युवाओं एवं अन्यों को जागरूक होना पड़ेगा क्योंकि नशा नाश का कारण है। उन्होंने कहा कि एक शराबी पिता द्वारा अपने चार बेटों का गला दबाकर उनकी हत्या करना और खुद फांसी पर लटक जाना दु:खद तो है ही लेकिन समाज को चेतावनी भी है। उन्होंने कहा कि इकलौता पुत्र खोने वाली मां के दर्द को एक मां ही समझ सकती है। उन्होंने कहा कि शराबबंदी आंदोलन को सहयोग करना चाहिए। क्योंकि शराब अपराधों की जननी है और इसी से चोरी, डकैती, दुर्घटनाएं, दुष्कर्म जैसे कईं अपराध घटित हो रहे है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि राज्य के मुखिया मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गांधीवादी विचारधारा से जुड़े है ऐसे में वे राज्य में शराबबंदी करवायेंगे। उन्होंने बताया कि चार ग्राम पंचायतों में वोट के अधिकार से अपनी ग्राम पंचायत को शराबमुक्त किया। उन्होंने बताया कि वार्ड और पंचायत के लोगों को कानूनी अधिकार है कि वे अपने क्षेत्र से शराब की दुकानें हटा सकते है इसके लिए वार्ड या पंचायत के 20 फीसदी लोगों को हस्ताक्षर करके कलक्टर को ज्ञापन देना होता है। इसके बाद कलक्टर आबकारी अधिकारी को प्रस्ताव भेजते है और उसके बाद में मतदान की तरह वोटिंग होती है और जो ग्रामीण तय करते है वही फैसला होता है। उन्होंने कहा कि सरकार को शराब से मिलने वाले राजस्व से इस तरह के हादसों में निपटान की भरपाई करनी चाहिए। उन्होंने बताया कि हाई पॉवर कमेटी की बैठक में भी वे इस तरह के सुझाव देती आयी है। उन्होंने कहा कि पाप की कमाई से राज्य, समाज, परिवार नहीं चल सकता है।
लगाई चौपाल, दिलाई शपथ
शराबबंदी आंदोलन की राष्ट्रीय अध्यक्ष पूजा भारती छाबड़ा ने डूंगलापानी गांव में पहुंचकर पीडि़त परिवार के घर जाजम लगाकर ग्रामीणों को एकत्रित किया और उन्हें जागरूक करते हुए शराबबंदी के लिए शपथ दिलाई। उन्होंने कहा कि मेरे पिता विधायक गुरुचरण सिंह छाबड़ा शराबबंदी आंदोलन के लिए शहीद हुए उन्होंने लगातार 33 दिन अनशन कर शहीद का दर्जा प्राप्त किया उन्होंने कहा कि शराबबंदी आंदोलन के लिए पिता पूर्व विधायक गुरु शरण सिंह छाबड़ा ने शराबबंदी के लिए आंदोलन चलाया था और 14 बार भूख हड़ताल पर बैठे जब भैरों सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री थे 19 79 से 1981 तक राज्य में पूरी शराबबंदी रही 1 माह 3 दिन तक भूखे प्यासे रहे, अस्पताल में वे दुनिया को अलविदा कर गए उनके पिता ने नशा नाश के विरुद्ध अपनी जान दे दी ऐसे में वे इस आंदोलन को जारी रखते हुए अब वक्त आ गया है कि जब हम परिवार समाज और राष्ट्र के लिए एकजुट होकर आवाज उठाए ताकि नशे का नाश करके जिंदगी है और परिवार सवारे गांव की सरपंच ललिता पारसिंह एवं कुशलगढ़ थानाधिकारी प्रदीप कुमार वि पुष्कर भाई विजय सिंह खड़िया की मौजूदगी में सभी ग्रामीणों ने शराबबंदी की शपथ ली।