विधायक आक्या द्वारा विधानसभा सत्र में खनन पट्टाधारकों की समस्या उजागर करने पर सरकार ने जारी किये समाधान आदेश।
वीरधरा न्यूज़। चित्तौडग़ढ़ @डेस्क।
चित्तौड़गढ़। जिले के खनन पट्टाधारियों के आग्रह पर विधायक चंद्रभान सिह आक्या द्वारा गत 1 अगस्त को विधानसभा सत्र के दौरान विशेष उल्लेख प्रस्ताव के माध्यम से माईनिंग क्षेत्र में विभाग की लापरवाही से खनन पट्टाधारकों को हो रही समस्या का मुद्दा सदन में उठाते हुए कहां था कि पूर्व में आवंटित सभी पट्टों की भूमि तत्कालिन समय के प्रचलित यंत्रों द्वारा मापी गई थी। विभाग द्वारा वर्तमान में सेटेलाईट उपकरणों द्वारा नापने पर पट्टा भूमि भिन्न स्थान पर दर्शाती है जिससे पट्टाधारकों को अनावश्यक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। खनन पट्टों के लिए खान सुरक्षा निदेशालय के मापदण्डों में संशोधन करवाने की आवश्यकता है। उन्होने राज्य सरकार से एक बहुत बडे व्यवसाय को बंद होने से बचाने के लिये खनन पट्टाधारकों की समस्याओं का त्वरीत समाधान करा राहत दिलाने की मांग की थी।
इस पर राजस्थान के खनन पट्टाधारियों को राहत दिलाते हुए निदेशालय खान एवं भू विज्ञान के निदेशक भगवती प्रसाद द्वारा 23 अगस्त को सांयकाल आदेश जारी किया गया। इस आदेश में बताया गया कि विभागीय कार्यों की समीक्षा के दौरान यह ज्ञात हुआ है कि विभागीय ऑनलाईन सिस्टम के मास्टर मेप पर खनन पट्टों की प्रदर्शित स्थिति में काफी विसंगतियाँ है। इन विसंगतियों को दुरस्त करने के लिये खण्ड/उपखण्ड के समस्त खनि अभियन्ता/ सहायक खनि अभियन्ताओं को निर्देशित किया जाता है कि वे दिनांक 30-09-2024 तक आवश्यक कार्यवाही अनिवार्य रूप से सम्पादित किया जाना सुनिश्चित करें।
इसके तहत कार्यालय के मानचित्रकार द्वारा खनन पट्टों की संविदा के साथ सलंग्न सीमांकन प्रतिवेदन में वर्णित एफआरपी एवं विवरण सूची को विभागीय ऑनलाईन सिस्टम के एलआईएस मॉड्यूल में प्रदर्शित एफआरपी एवं विवरण सूची से मिलान किया जायेगा। यदि मिलान के दौरान ऑनलाईन इन्द्राज एवं सीमांकन प्रतिवेदन में भिन्नता पायी जाती है तो पंजीकृत सीमांकन प्रतिवेदन के अनुसार एलआईएस मॉड्यूल में आवश्यक संशोधन कर अपडेट करेगें। मानचित्रकार द्वारा एक राजस्व ग्राम के खनन पट्टों (जो एक एफआरपी या एक से अधिक एफआरपी से भी जुड़े हो) का मिलान एक साथ किया जायेगा।
इस कार्य को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने हेतु प्रत्येक मानचित्रकार द्वारा प्रतिदिन न्यूनतम 25 खनन पट्टों का मिलान कर आवश्यकतानुसार ऑनलाईन सिस्टम में अपडेट किया जावेगा एवं किये गये अपडेट को सत्यापित करते हुए सॉय 6.00 बजे तक सूचना निर्धारित प्रपत्र में खनि अभियन्ता/सहायक खनि अभियन्ता के माध्यम से संबंधित अधीक्षण खनि अभियन्ता एवं अतिरिक्त निदेशक (खान) को प्रेषित करेगें।
मूल खनन पट्टे के सीमांकन प्रतिवेदन एवं मूल मास्टर मेप से मिलान के दौरान एफआरपी की मौका स्थिति में संदेह होने पर मानचित्रकार ऐसे एफआरपी की सूची मय सीमांकन प्रतिवेदन वरिष्ठ खनिकार्यदेशक/खनिकार्यदेशक/सर्वेयर (फिल्ड स्टॉफ) को मौका सत्यापन हेतु उपलब्ध करवायेगें। संबंधित फिल्ड स्टॉफ द्वारा मूल सीमांकन प्रतिवेदन एवं कार्यालय के मास्टर मेप को ध्यान में रखते हुए एफआरपी के सही निर्देशांक (मास्टर मेप में वर्णित कम से कम तीन अन्य रैफरेन्स बिन्दुओं से मिलान द्वारा) लिये जाकर मानचित्रकार को सत्यापित कर अगले कार्यदिवस में उपलब्ध करवाया जावेगा। एफआरपी के निर्देशांक लेने में डीजीपीएस/ जीएनएसएस उपकरण का ही उपयोग किया जाना अनिवार्य होगा।
कार्यालय में डीजीपीएस/ जीएनएसएस खराब अथवा उपलब्ध नहीं होने की स्थिति में संबंधित खनि अभियन्ता/सहायक खनि अभियन्ता निर्धारित समयावधि को ध्यान में रखते हुए अविलम्ब कार्यालय व्यय से डीजीपीएस/ जीएनएसएस की आवश्यक व्यवस्था कर अथवा संबंधित फिल्ड स्टॉफ के सुपर-विजन में आउटसोर्सिंग करवाकर कार्य नियत समयावधि में पूर्ण कराना सुनिश्चित करेगें। पंजीकृत संविदा के साथ सलंग्न सीमांकन प्रतिवेदन में अंकित विवरण सूची का एलआईएस में प्रदर्शित आंकडो के मिलान का दायित्व संबंधित मानचित्रकार का होगा। इसी प्रकार एफआरपी के निर्देशांक लेने का दायित्व संबंधित फील्ड स्टॉफ का होगा। भविष्य में किसी भी स्तर पर जॉच में कोई अनियमितता/लापरवाही पाई जाती है तो इसका उत्तरदायित्व संबंधित मानचित्रकार/फिल्ड स्टॉफ का होगा।
सीमांकन प्रतिवेदन एवं एलआईएस डाटा के सत्यापन/संशोधन उपरान्त खनन पट्टों में क्लोजिंग एरर, ऑवर लेपिंग अथवा एफआरपी में भिन्न स्थिति आती है जिससे या तो समीपस्थ अन्य खनन पट्टों की मास्टर मेप पर स्थिति में परिवर्तन हो जाता है अथवा कोई नई परिस्थिति उत्पन्न हो जाती है, ऐसी स्थिति में संबंधित खनि अभियन्ता/सहायक खनि अभियन्ता ऐसे प्रकरणों में कोई कार्यवाही नहीं करेगें। ऐसी भिन्नता वाले समस्त प्रकरण श्रेणीवार बनाकर कारण सहित रिपोर्ट संबंधित खनि अभियन्ता/सहायक खनि अभियन्ता निदेशालय को प्रेषित करेंगे। साथ ही इस आदेश की पालना के दौरान ऐसी कोई नई कठिनाई/परिस्थिति बनती है तो निदेशालय को विवरण के साथ तुरंत सूचित करें। दिनांक 30-09-2024 तक उपरोक्त समस्त कार्य पूर्ण कर दिनांक 07-10-2024 तक संबंधित खनि अभियन्ता/ सहायक खनि अभियन्ता, मानचित्रकार/फील्ड स्टाफ द्वारा किये गये समस्त कार्यों की विवेचना कर अपनी संस्तुति के साथ रिपोर्ट निदेशालय को प्रेषित करेगें।