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नए कृषि कानूनों से चार पांच बड़े उधोगपति करेंगे देश का खाद्यान्न का स्टॉक -सचिन पायलट।

वीरधरा न्यूज़।जयपुर@श्री राहुल भारद्वाज।

दौसा। कांग्रेस पार्टी के तत्वावधान में केंद्र सरकार द्वारा लाए गए नए कृषि विधेयकों का विरोध जारी है इसी क्रम में शुक्रवार को दौसा के राजेश पायलट स्टेडियम मे नए कृषि कानूनों के विरोध में किसान महापंचायत आयोजित हुई। कांग्रेस के मीडिया प्रभारी उमाशंकर बनियाना ने बताया कि इस दौरान सभा को संबोधित करते हुये प्रदेश के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा कि किसान विरोधी कानूनों का दूरगामी नुकसान आने वाली पीढी को होने वाला हैं। इनकों बनाते समय किसी भी राज्य सरकार अथवा कृषि विशेषज्ञों से राय तक नहीं ली गई । पायलट ने कहा कि नए कानूनों का विरोध पूरे देश में हो रहा हैं। किसान दिल्ली बॉर्डर पर महिनों से बैठे हैं। चंद उद्योगपतियों की वजह से पूरी किसानो के भविष्य को दांव पर लगा देना बिल्कुल उचित नहीं हैं। इन कानूनों के कारण छोटी जोत के किसानों का भविष्य अंधकार में हैं। एमएसपी का कोई निर्धारण नहीं हैं।
पायलट ने कहा कि केन्द्र सरकार ने 11 बार किसानों से कानूनों को लेकर वार्ता की लेकिन ऎसी क्या मजबूरी है कि वह कानून वापिस नही लेना चाहती। देश के किसानों का यह मुद्दा किसी दल विशेष का नहीं हैं। पायलट ने कहा कि गणतंत्र दिवस के दिन जो घटना हुई उसकी हम कडी़ निन्दा करते हैं लेकिन किसानों के खिलाफ साजिशन जो कार्यवाही की जा रही है उससे किसान स्तब्ध हैं। दिल्ली बोर्डर पर किसान महापंचायत के लिये पानी, शौचालय की सुविधाओं को हटा दिया गया हैं। इससे किसान गुस्से में हैं। देश में खाद्य सुरक्षा का कानून लागू हैं। गरीब आदमी राशन कार्ड से अनाज ले सकता हैं। जब सरकार अनाज खरीदना ही बंद कर देगी तो कमजोर गरीब वर्ग का पेट पालन कैसे होगा। गरीब आदमी कहां जायेगा। कृषि कानूनों के अनुसार चार- पांच बडे उद्योगपति देश के खाद्यान्न का स्टोक कर लेंगे फिर उसे ऊंची दरों पर बेचेंगे। इससे महंगाई बढेगी। यह परम्परा है, इतिहास गवाह है कि हमें गांधीवादी तरीके से अपनी बातों को मनवाना आता हैं। हमने राजस्थान विधानसभा में इन कानूनों के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया हैं। किसानों के खिलाफ जो साजिश रची जा रही है उसका पर्दाफाश करना होगा। हमें और आपकों मिलकर इस आन्दोलन को तेज करना होगा। हम सभी मिलकर केन्द्र सरकार में इस संबंध में दबाव बनायेंगे। मैं उम्मीद करता हूं कि आज की महापंचायत के बाद जो रूप रेखा तैयार होगी उस पर हम प्रमुखता से तैयार रहेंगे।
इस दौरान दौसा विधायक एवं पूर्व मंत्री मुरारी लाल मीना ने भी किसान महापंचायत को संबोधित करते हुये कहा कि केंद्र द्वारा हाल ही पारित किए गए तीन नए किसान विरोधी काले कानूनों के अन्तर्गत मंडियों को बंद किया जाएगा व कृषि को ठेके पर देने एवं स्टोक सिस्टम को बढावा दिया जाएगा । ईस्ट इंडिया कम्पनी की कार्य प्रणाली को याद करते हुये विधायक ने कहा कि इन कानूनों के द्वारा किसानों से सस्ती दरों पर अनाज खरीदकर वापस हमें उंची दरों पर बेचा जायेगा जिससे गरीबों के हितों पर कुठाराघात होगा। यदि हम समय पर नही जागे तो हमें इसका दुष्परिणाम भुगतना पडे़गा। मुरारीलाल ने कहा कि इन कानूनों का सर्वप्रथम बहिष्कार राहुल गांधी ने संसद में किया था। उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर किसान महापंचायत स्थल पर सरकार द्वारा सडक पर किसानों को रोकने हेतु गाढे गये नुकीले कील, भालों को भारत – चीन बॉर्डर पर गाढने की सलाह दी जहां हमारे बीस वीर सैनिकों ने भारत – चीन झडप में बलिदान दिया था।
इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री के नाम जिला कलेक्टर दौसा को दिये ज्ञापन के बारे में जानकारी देते हुये बताया कि उन्होंने किसान विरोधी बिल वापिस लेने एवं किसानों पर दर्ज मुकदमो को वापिस लेने, किसानों को उचित मुआवजा देने , न्यूनतम समर्थन मूल्य लागू करने एवं सबसे प्रमुख इस्टर्न कैनाल परियोजना में दौसा जिले को शामिल करते हुये कमांड एरियां को धोलपुर से बदलकर जमवारामगढ या दौसा में करने की मांग की है। विधायक ने कहा कि ईस्टर्न कैनाल नहर परियोजना को राष्ट्रीय परियोजना घोषित कर इस पर प्रमुखता से अमल किया जाना चाहिए। इस अवसर पर विधायक हरिश चन्द्र मीना, बांदीकुई विधायक गजराज खटाना, चाकसू विधायक वेद प्रकाश सौलंकी, टोडाभीम विधायक पी आर मीना, जिला कांग्रेस अध्यक्ष, ब्लॉक अध्यक्ष, पूर्व प्रधान, सरपंच, नगर परिषद दौसा की सभापति ममता चौधरी, जिला कांग्रेस के प्रवक्ता एवं मीडिया प्रभारी उमा शंकर बनियाना, समस्त पार्षद गण, व्यापार मण्डल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों सहित दौसा एवं अन्य जिलों के किसान उपस्थित थे।

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