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भूपालसागर-आकोला ग्राम पंचायत से नगरपालिका बनने पर सुविधा कम दुविधा ज्यादा अधिशासी अधिकारी भी नदारद, कलेक्टर को शिकायत का भेजा पत्र।

वीरधरा न्यूज़।आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।


आकोला। आकोला ग्राम पंचायत से नगरपालिका बनने पर सुविधा कम दुविधा ज्यादा, अधिशासी अधिकारी भी नदारद, कलेक्टर को भेजा शिकायत पत्र। जिला कलेक्टर को पत्र में बताया कि नगरपालिका आकोला के अधिषाशी अधिकारी के कार्य नही करने के संबध में नवगठित नगरपालिका आकोला के अधिशाषी अधिकारी दिपिका विरवाल नियुक्ति माह अक्टूबर से आज तक 5 से 7 बार कार्यालय में 01 घंटे भी कार्य नहीं किया जा रहा हैं। प्रत्येक दिन जन्म पंजीयन, म्रत्यु पंजीयन, विवाह पंजीयन, जन आधार प्रमाणिकरण के लिए प्रतिदिन लोग चक्कर लगाते है, अधिशासी अधिकारी के ऑफिस के ताला लटका देखकर कई लोग कार्य से बेरंग लोटने पर मजबूर हो रहें हैं।पत्र में जनप्रतिनिधि ने बताया कि इसके विपरीत अधिशाषी अधिकारी ने बिना निविदा के नगरपालिका में हॉल निर्माण का कार्य घटिया सामग्री के साथ किया जा रहा है, पूर्व अधिशाषी अधिकारी के समय जारी सभी निविदाओ के पश्चात नगरपालिका के सफाई कार्मिक, चतुर्थ श्रेणी कार्मिक, स्वछता वाहन, टेम्पो ड्राइवर सभी को नियम विरूद्ध भुगतान दिया जा रहा है जिसमें सभी कार्मिक मानसिक रूप से प्रताडित हो रहें, एव ग्रांम पंचायत के प्रगतिरत एवं पूर्ण कार्य विधायक मद, सांसद मद, पंचायत समिति के कार्यो का भूगतान नहीं किया जा रहा है। अधिशासी अधिकारी चुनाव के वक्त भी नदारद रहने पर अखबार में न्यूज़ प्रकाशित हुई थी, लेकिन अब तो चुनाव भी खत्म परिणाम भी आ गए फिर भी अधिकारियों का नदारद रहना आम जनता के लिए परेशानी का शबब बना हुआ है। आम नागरिक परेशानी का सामना करने पर मजबूर है।

नगरपालिका के आने लगे दुष्परिणाम

आम जनता को नगर पालिका बनने के दुष्परिणाम भुगतने के साथ आ रही है ग्राम सभा की याद। जहां चुनिंदा जनप्रतिनिधि नगर पालिका पर निर्माण में घटिया सामग्री इस्तेमाल करने का आरोप लगा रहे हैं तो आम आदमी किस कदर परेशान हो सकता है , अगर यही ग्राम पंचायत होती तो समस्त वार्डपंच एवं ग्रामीण मिलकर ग्राम सभा का आयोजन कर किसी भी प्रकार का प्रस्ताव पारित कर सकते थे लेकिन यह व्यवस्था हाथ से निकल जाने पर आम आदमी अपना माथा पीट रहा है।
यह सिर्फ शुरुआत है आने वाले समय में और भी भयानक परिणाम भुगतने पढ़ सकते हैं।
जब आम आदमी की पकड़ और विकास में भूमिका ही खत्म हो जाती है तो परिणाम भ्रष्टाचार के ही आएंगे।

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