युवा रोजगार लेने वाला नहीं देने वाला बनेंः कुलपति मिश्रा मेवाड़ यूनिवर्सिटी में आयोजित हुआ उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम।
वीरधरा न्यूज़।चित्तोड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़। मेवाड़ यूनिवर्सिटी में बुधवार को विज्ञान और प्रौद्योगिकी संकाय ने एमएसएमई विकास कार्यालय जयपुर के सहयोग से एससी और एसटी स्टूडेंट्स के लिए एक दिवसीय उद्यमिता जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करते हुए केंद्र और सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं और गतिविधियों के बारे में जानकारी दी गई। कार्यक्रम में एससी और एसटी वर्ग के लिए केंद्रीय योजनाओं में की जा रही विशेष सुविधाओं और प्रावधानों के बारे में भी अवगत कराया गया।
कार्यक्रम की शुरूआत में अतिथियों का स्वागत करते हुए संकाय से प्रो. (डॉ.) हरि सिंह चौहान ने कहा कि ऐसे प्रोग्राम के जरिए युवाओं को स्वरोजगार की प्रेरणा मिलती है। यूनिवर्सिटी स्थित इन्क्यूबेशन सेंटर के जरिए भी स्टूडेंट्स अपने इनोवेटिव आइडिया को सही दिशा दे रहे है। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए कुलपति प्रो. (डॉ.) आलोक मिश्रा ने कहा कि वर्तमान परिप्रेक्ष्य में केंद्र सरकार एमएसएमई सेक्टर को बढ़ाने का प्रयास कर रही है। इससे न केवल देश में अधिकाधिक रोजगार उत्पन्न होंगे बल्कि भारत की अर्थव्यवस्था भी सुदृढ़ होगी। मोदी सरकार का विजन है कि युवा रोजगार लेने वाला नहीं देने वाला बनें, इसलिए नए स्टार्टअप को बढ़ावा दिया जा रहा है। एमएसएमई (डीएफओ) जयपुर से सहायक निदेशक तरूण भटनागर ने युवाओं को प्रेरित करते हुए कहा कि सर्विस प्रोवाइडर बनिए तभी देश आगे बढ़ेगा। केंद्र और राज्य सरकारें एमएसएमई को बढ़ावा देने के लिए कई कल्याणकारी योजनाएं चला रही है, इसका वे लाभ उठाएं और खुद उद्यमी बनकर अन्य लोगों को रोजगार देने वाला बनें। जानकारी के मुताबिक अरूण भटनागर मेवाड़ यूनिवर्सिटी के पूर्व स्टूडेंट रह चुुके है। उन्होंने वर्ष 2015 में यूनिवर्सिटी से एमटेक किया है। चित्तौड़गढ़ स्थित नाबार्ड सेे जिला विकास प्रबंधक महेंद्र डूडी ने नाबार्ड द्वारा चलाई जा रही कृषि क्लीनिक और कृषि व्यवसाय केंद्र (एसीएबीसी) और केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) को विस्तार से बताया कि किस प्रकार स्टूडेंट्स इन योजनाओं का लाभ उठा सकते है। उन्होंने चित्तौड़गढ़ में ऑर्गेनिक खेती समेत अन्य व्यवसायों में भी उद्यमिता अपनाने वाले लोगों के उदाहरण पेश कर स्टूडेंट्स को प्रेरित किया।
एमएसएमई (डीएफओ) जयपुर से सहायक निदेशक संजय मीना ने एमएसएमई के अंतर्गत विभिन्न उद्योगों की श्रेणी के बारे में उपस्थित लोगों को जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि विभाग उद्योगों को शुरू करने के लिए लोन भी उपलब्ध कराता है, इसके बारे में विभाग की वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया से लेकर शुरू करने तक की सारी जानकारी उपलब्ध है। उन्होंने स्टूडेंट्स से आहृान किया कि जब भी वे कोई नया आइडिया डेवलेप करें तो उसका पेटेंट अवश्य करें ताकि अन्य व्यक्ति कॉपी करके लाभ न उठा सकें। प्रो. वीसी आनंदवर्द्धन शुक्ल ने स्टूडेंट्स को कुछ उदाहरणों के जरिए प्रेरित करते हुए बताया कि किस प्रकार आर्गेनिक खेती समेत अन्य व्यवसायों में प्रगतिशील विचारों को अपनाते हुए लोगों ने देश में ही नहीं विदेश में भी मिसाल कायम की है। अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए रजिस्ट्रार प्रो. (डॉ.) मायाधर बारिक ने स्टूडेंट्स से कहा कि सकारात्मक सोच के साथ-साथ नए-नए विचार डेवलेप करके भारत को विकसित देश की श्रेणी में लाने में अपनी सहभागिता अपनाएं। कार्यक्रम का संचालन अनन्या मिश्रा ने किया।
इस मौके पर एमएसएमई से नरेंद्र कुमार, ओएसडी एच. विधानी, डीन अकेडेमिक्स डी.के शर्मा, डॉ. वाई. सुदर्शन, डॉ. गुलजार अहमद, डॉ. मौहम्मद आशिद, सहायक रजिस्ट्रार सुनील कटारिया, सपना कपूर समेत अन्य स्टाफ भी मौजूद रहा।