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आशा सहयोगिनीयो का विशाल धरना प्रदर्शन जयपुर में कल।

वीरधरा न्यूज़। चित्तौड़गढ़@श्री बन्शीलाल धाकड़।

चित्तौड़गढ़।दिनांक 5 जनवरी को डूंगला मंगलवाड चिकारड़ा सेक्टर की आशा सहयोगिनिया बस द्वारा जयपुर रवाना होगी।
बता दे कि सभी आशा सहयोगिनीयो का आंदोलन पूर्ण मजबूती के साथ चल रहा है वाकई आशाओ का पहली बार यह बड़ा शक्ति प्रदर्शन है जिससे सरकार डरी और सहमी हुई है यह बड़ा दुर्भाग्य का विषय है।
संघठन ने सभी आशाओ से अपील है कि कल दिनांक 5 जनवरी को विशाल धरना प्रदर्शन और उग्र आंदोलन राजस्थान की आशा बहनों द्वारा किया जाएगा यह आंदोलन आज करो या मरो की स्थिति पर होकर एक शर्म का विषय है की वर्ष 2004 से आशा सहयोगिनीया राजस्थान और भारत सरकार को अपनी सेवाएं दे रही है परंतु आज दिन तक उनके उज्जवल भविष्य के लिए ना भारत सरकार ने ओर ना ही राजस्थान सरकार ने सुना है जो ₹2700 में काम करने वाली आशा बहनो का जीवन भुखमरी से गुजर रहा है उसके संतान कुपोषण की शिकार है तथा उसका सामाजिक स्टेटस लगभग समाप्त हो चुका है जहां एक कर्मचारी को ₹100000 से ऊपर सरकार द्वारा तनख्वाह दी जा रही है यानी कि प्रतिदिन उसे कम से कम ₹3000 दिए जा रहे हैं वहां आशाओं का ₹2700 में पूरे महीने शोषण करना सरकार की नाकामी और संविधान की नाकामी को दर्शाता है। संविधान की मूल भावना विधि के समक्ष समानता तथा समान काम समान वेतन जैसे नारे अच्छे लगने लग जाते हैं सरकार द्वारा सिर्फ आशाओं को ही ₹2700 के मासिक वेतन पर काम करवाया जा रहा है अन्य कोई भी ऐसा पद नहीं है जिनको ₹2700 में काम करवाया जा रहा है यह नारी की गरिमा को ठेस पहुंचाने वाला पद होकर सरकार का चाहे भारत सरकार हो या राजस्थान सरकार हो नारी के प्रति भावना को दर्शाता है जहां आशा बहन है आंदोलन के लिए इस कड़कड़ाती ठंड के माहौल के बीच में जयपुर में अपना धरना प्रदर्शन कर रही है सरकार दमनकारी नीति रखते हुए उसे बार-बार आंदोलन करने से रोक रही है यह मानसिक दिवालियापन सरकार का बहुत ही महंगा साबित होगा राजस्थान की 55000 आशाएं अकेली नहीं है 55000 आशाओं के साथ में 500000 उनके परिजन जुड़े हुए हैं तथा आशाएं हर घर की औरतों में अपनी पेट रखती है और वह चाहे तो अपने अकेले के बलबूते पर सरकार का तख्तापलट कर सकती है और यह संभव है कि अगर आशाओं के साथ में न्याय नहीं हुआ तो आगामी चुनाव में राजस्थान की कांग्रेस सरकार नेस्तनाबूद हो जाएगी यह संकल्प होगा कि कोई भी आशा या उसका परिजन किसी भी कांग्रेस को वोट नहीं करेगा तथा हर आशा जिनकी नारी शक्ति अच्छी पेट है एक भी वोट कांग्रेस को जाने नहीं देगी और सरकार मानसिक दिवालियापन से गुजर कर के सत्ता से अलग होने पर मजबूर हो जाएगी। पहली बार यह नारी शक्ति का प्रबल आंदोलन है जहां कौशल्या ढाका के नेतृत्व में जयपुर में रात दिन हड़ताल पर बैठना भूख हड़ताल करना और संपूर्ण राजस्थान की आशाओं का जयपुर पहुंचना सरकार को सोच लेना चाहिए कि अब आशाएं जागृत हो चुकी है और उनका शोषण किया जाना संभव नहीं है इसलिए आशाओं की मांग को सम्मान सहित स्वीकार कर लेना चाहिए और माननीय मुख्यमंत्री को तथा प्रधानमंत्री महोदय को आशा को सम्मानजनक जीवन प्रदान करना चाहिए सम्मानजनक सुविधाएं और वेतन प्रदान करना चाहिए क्योंकि हर किसी जगह पर घर में रखने वाले नौकर को भी लंबे समय तक काम करने के बाद उसे भी सम्मानजनक जीवन प्रदान किया जाता है तो फिर सरकार जिसके यहां पर आशा बहन पिछले 16 सालों से काम कर रही है क्या सरकार का यह दायित्व नहीं है कि वह अपने साथ काम करने वाली आशा बहनों का सामाजिक जीवन सम्मानजनक बनाएं अपने नैतिक दायित्व को समझे संविधान की मूल भावना को समझें इसी बात के साथ में सरकार से एकमात्र अपील आशा सहयोगिनीयो को उनका सम्मानजनक जीवन प्रदान करें सम्मानजनक वेतन प्रदान करें और कार्य प्रदान कर भारती अफीम किसान विकास समिति राजस्थान मध्य प्रदेश आशा बहनों के आंदोलन में अपना समर्थन करती है।

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