वीरधरा न्यूज़।बड़ीसादड़ी@श्री राम सिंह मीणा।
चित्तौडग़ढ़।कृषि विज्ञान केन्द्र चित्तौड़गढ़ द्वारा एक दिवसीय संस्थागत कृषक प्रशिक्षण सोमवार को गांव सुरजना पंचायत समिति चित्तोड़गढ़ में आयोजित किया गया। यह असंस्थागत प्रशिक्षण में मृदा स्वास्थ्य कार्ड की उपयोगिता एवं महत्व पर आधारित था जिसमें गांव के कुल 24 कृषकों ने भाग लिया।
केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं अध्यक्ष डॉ. रतनलाल सोलंकी ने किसानों को मृदा स्वास्थ्य हेतु मृदा स्वास्थ्य कार्ड का महत्व एवं उपयोगिता समझाई व कार्ड की सिफारिश अनुसार खाद- एवं उर्वरक उपयोग करने की सलाह दी। भूमि से पूर्ण लाभ उठाने एवं उर्वरा शक्ति का पता लगाने के लिए किसानों को खेत की मिट्टी जांच कराकर मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्राप्त करना आवश्यक है। मृदा जांच के आधार पर मृदा स्वास्थ्य कार्ड में ही फसलों के लिए खाद व उर्वरकों की सिफारिश की जाती है। सोयाबीन एवं उड़द की फसल में पीलापन की रोकथाम के बारे में बताया साथ ही मक्का की फसल में फालआर्मी कीट के प्रकोप एवं उसके निदान के बारे में विस्तृत से बताया। वह किसानों को जैव अपघटक बनाने की विधि बताई गई।
संजय कुमार धाकड़ कार्यक्रम सहायक ने किसानो को खरीफ फसलों की उत्पादन तकनीकी के बारे में विस्तार से बताया।
अखिलेश पाण्डे, सी.एस.आर. बिरला सीमेंट ने सोयाबीन एवं उड़द की फसलों के उत्पादन एवं कीट नियंत्रण के बारे में तकनीकी जानकारी दी एवं कृषक प्रशिक्षण में पधारे सभी किसानों को धन्यवाद अर्पित किया।