वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
राशमी।उपखण्ड के मेवाड़ के तीर्थ स्थल पर मेवाड़ पाराशर समाज द्वारा पाराशर ऋषि आश्रम चल रही सात दिवसीय भागवत कथा का धुमधाम से सम्मापन हुआ। कथा सुनने के लिये राजस्थान व अन्य प्रदेश से समाजजन कि भीड उमडी
26 जून को दिन के दो बजे पाराशर आश्रम मे नर्बदेश्वर महादेव, पाराशर, वेदव्यास, शुकदेव मुनि के मन्दिर का समाजजन भुमिपुजन कर आधारशिला रखेगे। कथा मे अन्तिम दिन जगतगुरु शंकराचार्य ज्ञानानन्द तीर्थ ने अपने मुखारविंद से कुबजा का उद्धार , धनुष तोडना, मल्लयुद्ध, कंस वध, महाराज उग्रसेन व माता पिता (देवकि, वसुदेव ) को जेल से रिहा करा उग्रसेन का राजतिलक, कृष्ण , बलराम का यज्ञोपवित संस्कार करा , शांदिपनी आश्रम मे शिक्षा के लिये भेजना , जरासंध युद्ध , नई द्वारका का निर्माण, उद्धव प्रसंग, रुकमणी विवाह आदि का वृतान्त सुनाकर पुरा पांडाल धर्ममय हो गया।
कथा आयोजन कमेटी ने आश्रम बनाने वाले भामाशाहों का एकलवी व तिलक लगाकर सम्मान किया। कथा के अन्त मे आरती कर प्रसाद वितरण किया गया। पाराशर के समाजजनो ने भागवत पोथी को अपने सिर पर बारी बारी से लेकर व जगतगुरु शंकराचार्य ज्ञानानन्द तीर्थ को उनके अस्थाई निवास पर ससम्मान विदा करने गये । शाम को महाप्रसादी का आयोजन हुआ।