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लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण का जिला स्तरीय समारोह।

 

वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़। राजस्थान किसान महोत्सव के अवसर पर लम्पी रोग आर्थिक सहायता वितरण का जिला स्तरीय कार्यक्रम शुक्रवार को इंदिरा प्रियदर्शनी ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी जिलों में कार्यक्रम में वीडियों कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े। इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बटन दबाकर एक साथ 41 हजार 900 पशुपालकों के खाते में लम्पी रोग से मृत दूधारू पशुओं के लिए 175 करोड़ रुपए की मुआवजा राशि हस्तांतरित की। उन्होंने लम्पी रोग आर्थिक सहायता प्राप्त करने वाले लाभान्वितों से चर्चा की एवं सरकार की योजनाओं के संबंध में विस्तार पूर्वक बातचीत की।
जिला स्तरीय कार्यक्रम में राजस्थान धरोहर प्राधिकरण बोर्ड के अध्यक्ष, राज्यमंत्री सुरेंद्र सिंह जाड़ावत, सभापति संदीप शर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर अभिषेक गोयल, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सहित जिले के सभी ब्लॉक से आए लाभार्थी महिला-पुरुष किसान के साथ ही जनप्रतिनिधि, अधिकारी एवं योजना के लाभार्थी वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए राज्य स्तरीय लाभार्थी उत्सव से जुड़े। लाभार्थी उत्सव के दौरान चित्तौड़गढ़ जिले के 631 लाभार्थियों के बैंक खातों में लाभ हस्तांतरित किया गया। कार्यक्रम में लाभार्थियों की बड़ी संख्या रही।
इस अवसर पर राज्यमंत्री जाड़ावत ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को उसी दिन से पीड़ा थी जब पशुओं की फोटो सोशल मीडिया, समाचार पत्रों, इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से पहुंच रही थी। इस लम्पी महामारी ने जिस प्रकार पशुधन को अपनी चपेट में लिया है। मुख्यमंत्री जी की सोच थी कि पशुपालक, किसान बड़ी मुश्किल से गाय, भैंस खरीदता है और जब वह उनकी आय का एक स्रोत बन जाती है और जब अचानक इस महामारी से पशु की मृत्यु हो जाती है, जिसका इलाज संभव नहीं था। इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने बजट में घोषणा की, की लम्पी बीमारी से जिन गायों की मृत्यु हुई है, प्रत्येक गाय की मृत्यु होने पर 40-40 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
उन्होंने कहा कि महंगाई राहत कैंपों में भी कामधेनु योजना के तहत 2-2 पशुओं का 40-40 हजार रुपए का बीमा भी निशुल्क किया जा रहा है। राज्यमंत्री जाड़ावत ने कहां कि यह आर्थिक सहायता पाकर निश्चित रूप से हर उस किसान को राहत मिली है, किसके पशु की लम्पी महामारी से मृत्यु हुई थी।
इस अवसर पर उपखंड अधिकारीगण, संयुक्त निदेशक पशुपालन विभाग डॉ प्रफुल्ल माथुर सहित जनप्रतिनिधि, जिला स्तरीय अधिकारी, कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में महिला एवं पुरुष लाभार्थियों ने भाग लिया।

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