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डूंगला-महापुरुष को किसी जाति पंथ की परिधि में केद नहीं किया जा सकता वह संपूर्ण मानवता की अनमोल धरोहर है।

 

वीरधरा न्यूज़।डूंगला@ श्री अमन अग्रवाल।

डूंगला।महापुरुषों के त्याग और आध्यात्मिक साधना के बल पर अलौकिक चमत्कार के साथ स्वर्णिम इतिहास का निर्माण होता है विश्व की संपूर्ण संपत्ति देकर भी ऐसी दुर्लभ आत्मा का निर्माण नहीं किया जा सकता उक्त विचार राष्ट्र संत कमलमुनि कमलेश नें उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते कहा। उनके द्वारा बताया गया कि महापुरुष का जीवन आने वाली पीढ़ी को अनंत काल तक मार्गदर्शन करती रहेगी। उन्होंने कहा कि उनकी रक्षा करना धर्म परमात्मा और गुरु की रक्षा से बढ़कर है। हम जैसे संतों का निर्माण में इतिहास का महत्वपूर्ण योगदान है। सरकार विज्ञान विश्व का लोहा मान रही है।
मुनि कमलेश ने बताया कि महापुरुष को किसी जाति पंथ की परिधि में केद नहीं किया जा सकता वह संपूर्ण मानवता की अनमोल धरोहर है। राष्ट्रसंत ने स्पष्ट कहा कि सभी धर्म स्थल के माध्यम से महापुरुषों के सिद्धांत को वैज्ञानिक ढंग से जनता के बीच प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
जैन संत ने कहा कि पर्यावरण, नशा मुक्ति, अहिंसा, शाकाहार, योग ध्यान मोन प्रशिक्षण सेंटर के रूप में विकसित होने चाहिए। विश्व के कोने कोने में प्रत्येक के पास पहुंच सके ऐसा प्रयास होने चाहिए। आचार्य सिद्धेश्वर दिवाकर के द्वारा पार्श्वनाथ प्रभु की कल्याण मंदिर भक्ति के माध्यम से विश्व के लिए आस्था का केंद्र बना है। ट्रस्ट मंडल की ओर से राष्ट्रसंत का अभिनंदन किया गया। जीवदया और मानव सेवा के कार्यों से अवगत कराया। घनश्याम मुनि, अक्षत मुनि, कौशल मुनि द्वारा मार्गदर्शन किया गया।

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