वीरधरा न्यूज़।बबराणा@ श्री दीपक दाधीच।
बबराणा। मेवाड़ नवनिर्माण सेना ने कपासन बस स्टेन्ड पर स्थित पंचमुखी बालाजी मन्दिर के स्थान पर तुलसी पूजन दिवस मनाया।
सेना के वरिष्ठ कार्यकर्ता बबलू जी सोनी ने बताया कि मेवाड़ नवनिर्माण सेना कपासन के तहसील संयोजक प्रकाश वैष्णव के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने तुलसी पूजन दिवस मनाया ! इस दौरान तुलसी माता को चुनरी ओढ़ा,पुष्प माला अर्पण कर आरती की गई, तत्पस्चात प्रसाद वितरण किया गया।
तहसील अध्यक्ष ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि
हम पास्चात्य संस्क्रति के दिखावो,ढकोसलो के कारण निरंतर अपनी संसकृति को खोते जा रहे हैं तुलसी पूजन जेसे भारतीय सनातन संसकृति के पवित्र त्योहार को छोडकर हम पास्चात्य संसकृति के क्रिसमस,वलेंटाइन जेसे दिखावटी त्योहार मनाते हैं
जो भारतीय संस्कृति को दूषित कर रहे है।
इस तरह आज निरंतर भारतीय संस्क्रति का विनाश हो रहा है आज हम देख रहे है की धीरे-धीरे हम अपनी धार्मिक प्रवृति, संस्क्रति को खोने की कगार पर हैं
भारतीय संसकृति हमारी आन और शान है और हमे अपनी आन,मान मर्यादा को बचाने के लिए कुछ करना होगा ! इसके लिए हमे पास्चात्य संसकृति का विरोध कर पन: निरंतर सनातन संस्कृति अपनाने की और बढ़ना होगा! इसके उपलक्ष मे
25 दिसम्बर को सेना द्वारा क्रिसमस डे के विरोध में प्रतेक वर्ष की भांति तुसली पूजन दिवस मनाया गया ! तुलसी का पौधा औषधीय गुणों के साथ साथ सनातन धर्म मे अत्यधिक महत्वपूर्ण स्थान रखता है, इसके विपरीत प्लास्टिक का क्रिसमस ट्री का कोई महत्व नही है। यह सिर्फ एक दिखावा है सभी को अपने घर में प्लास्टिक की क्रिसमस ट्री के स्थान पर तुलसी का पौधा जरूर लगाना चाहिए।
हमें कभी भी पास्चात्य संस्कृति के पाखंड में नहीं फंसना है, न किसी को फंसने देना है। अपने बच्चों को इस कुचक्र से बचाकर सनातन धर्म की ओर प्रेरित करना है। हमारे पास हमारे पूर्वजों की विरासत में मिली वैज्ञानिक सनातन संस्कृति है, जो हमारे जीवन को उज्ज्वल,आनन्दमय और गौरवशाली बनाती है। अत: हमे हमेशा अपनी धार्मिक संस्क्रति के प्रति सचेत रहकर एकजुट होकर कार्य करना है तभी हम अपने धर्म और भारतीय सनातन धार्मिक संस्कृति को लुप्त होने से रोक पायेंगे !
इस दौरान मेवाड़ सेना के राजकुमार पडीवाल,संजय सोनी,अंकित वैष्णव, पवन सेन,अंकित खटिक, गोपाल वैष्णव,भरत वैष्णव, पंकज शर्मा,हरि प्रकाश बारेगामा, नारायण सुथार, कन्हैया लक्षकार, प्रतिक पड़ीवाल,सुरेश प्रजापत, शिव पुर्बीया,चिराग,मनीष, मदन कुमावत,राजू वैष्णव,नारायण जाट,कन्हैया वैष्णव,सीताराम जाट, प्रकाश गाडरी,राधेश्याम लौहार, आशीष चंदेल सहित कई युवा साथी मौजूद रहे!