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प्रमुख देवी शक्ति पीठ वडली माता जी चैत्र नवरात्र में विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। राज. लोक सेवा आयोग की प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पूछा था।

वीरधरा न्यूज़। आकोला@ श्री शेख सिराजुद्दीन।


भूपालसागर । चितौड़गढ़ जिले के भूपालसागर उपखण्ड के आकोला में प्रमुख देवी शक्ति पीठ वडली माता जी चैत्र नवरात्र को विधि विधान से पूजा अर्चना की गई। जानकारी के अनुसार नवरात्रि के नौ दिन तक अखड जोत व अनुष्ठान का नवरात्र आगाज शुरू हो गया। माताजी के दरबार मे नौ दिन तक धार्मिक अनुष्ठान व भजन कीर्तन का आयोजन होगा। बुजुर्ग लोगों का कहना है कि इतिहास में एक लेख लिखा है राजस्थान की लोक देवी शक्ति पीठ इसका नामक किताब में भी आकोला की वडली माता जी का उल्लेख किया गया है। बुजुर्ग लोगों ने बताया कि यहां कि मान्यता रही हें कि माता का मंदिर जो रोगियों की छोटे बच्चों की डॉक्टर है, आकोला जवाहरनगर में रायपुरिया करजाली रोड़ पर बेडच नदी के एक खेत पर विराजमान वडली माता जी का प्राचीन मंदिर है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार बड़े बुजुर्गों का कहना है कि – यहां पर पुराने जमाने एक बरगद का पेड़ था, जिसके नाम पर स्थान को वडली माता जी जाने लगा। अंदर एक छोटी सी बारी बनीं हुई जिसमें बिमार बच्चों व्यक्तियों को निकालने से बीमारी दूर हो जाती है, ऐसी मान्यता है। पास ही सामने बड़ा त्रिशूल लगा है, ऐसी मान्यता है कि त्रिशूल व बारियों, दरवाजे में धागा बांधने से भी बिमारी चली जाती हैं। वडली माता जी व्याधि ग्रस्त रोगियों की पुकार सुनती है, बडली माता जी के चमत्कार की चर्चा जनमानस में होती रही है।

गौरतलब है कि वडली माता का राजस्थान लोक सेवा आयोग की विभिन्न प्रतियोगी परीक्षा में प्रश्न पूछा गया था, वडली माता कहाँ स्थित हैं । जिससे वडली माता के कारण आकोला का नाम भी चर्चा में हुआ था।

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