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पिछले डेढ़ दशक से हो रही गुलाब की खेती, रोज यहाँ से क्विंटलों गुलाब का होता है निर्यात।

वीरधरा न्यूज़। चिकारडा @ डेस्क।
डूंगला उपखंड में गुलाब की खेती से काश्तकार सर सब्ज होने लगा है।
जानकारी में चिकारड़ा के विष्णु खंडेलवाल द्वारा बताया गया कि
गुलाब की खेती पिछले डेढ़ दशक से क्षेत्र में की जा रही हैं जिसके चलते काश्तकार सरसब्ज हुआ है हालांकि लॉक डाउन के चलते गुलाब के भावों में कमी आई है, फूलों की खपत पूर्व में पुष्कर मंडी जाते हुए होती थी लेकिन अब चिकारड़ा में ही लघु उद्योग में गुलकंद , गुलाब अर्क , गुलाब जल , गुलाब शरबत बनाने में प्रयोग हो रहा है। वहीं कुछ का काश्तकार पत्तियां सुखाकर बाजार में बेच रहे हैं गुलाब मंडी में लगभग 8 से 10 क्विंटल फुल प्रतिदिन आ रहे हैं गुलाब के फूल लघु उद्योगों द्वारा पूर्व में 25 से 30 रुपया किलो लिए जाते थे लेकिन गुलाब की कमी के चलते हैं भाव ₹60 किलो बिक रहा है। अरिहंत प्रोडक्ट के देवनारायण ने बताया कि उनके द्वारा हल्दीघाटी से प्रेरणा लेकर 4 साल पूर्व धंधा शुरू किया जिसमें गुलाब जल गुलकंद गुलाब शरबत बनाया जाता है जिसका मार्केट नाथद्वारा उदयपुर भीलवाड़ा अहमदाबाद रहता है। गुलकंद लगभग 15 से 20 दिन में तैयार हो जाता है।


श्रीहरि प्रोडक्ट द्वारा बताया गया कि उनके द्वारा प्रतिदिन 5 क्विंटल पत्तियों का गुलकंद बनाया जाता है उनका मार्केट इंदौर पूना पुष्कर रहता है फूलों की चुनाई मजदूरों को प्रति घंटे के हिसाब से दी जाती है मार्केट में फिर से एक बार भाव का उछाल आने से काश्तकार वर्ग ₹60 किलो फुल बेच रहा है भाव बढ़ने के साथ काश्तकार वर्ग में खुशी दिखाई दी फूल चुनने को लेकर हजारों लोगों को रोजगार मिल रहा है।

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