वीरधरा न्यूज़।चित्तौडग़ढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।विधानसभा क्षैत्र में बिती रात हुई बेमौसम बरसात व ओलावृष्टि से हुए फसलों को हुए नुकसान पर विधायक चंद्रभान सिंह आक्या ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया को पत्र लिखकर फसल खराबे की गिरदावरी करा किसानो को मुआवजा देने की मांग की है। उन्होने इस बाबत जिला कलक्टर को भी ज्ञापन सोंपा।
विधायक आक्या ने बिती रात बेमौसम हुई तेज बारीश व ओलावृष्टि का रविवार सुबह नगरी, एकलिंगपुरा सहित विभिन्न स्थानों पर किसानो के खेतो पर जाकर जायजा लिया। खेतो पर अफीम, गेहुं, सरसो व चने की फसले आढी पढ़ी हुई थी तथा अनेक स्थानो पर खेतो में पानी भरा हुआ था। ओले गिरने से अफीम के पौधे पर लगे डोडे फूट गये। किसानो की मेहनत से तैयार फसल की बरबादी को देखकर विधायक आक्या ने किसानो को ढांढस बधाते हुए उन्हे मुआवजा दिलाने का आश्वासन दिया।
इस अवसर पर नगरी के पूर्व सरपंच नारायण गुर्जर, कन्हैयालाल गूर्जर, भूरालाल भील, जगदीश गुर्जर, देवीलाल गुर्जर सहित ग्रामीणजन उपस्थित थे।
विधायक आक्या ने इस बाबत मुख्यमंत्री अशोक गहलोत एवं कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया को पत्र लिखा, जिसमें उन्होने बताया की किसान अन्नदाता है, उसकी आर्थिक स्थिति वेसे ही कमजोर होती है उस पर फसल खराबे ने उसकी कमर ही तोड़ दी है। वह मानसिक संताप से गुजर रहा है। ऐसे में फसल खराबे की गिरदावरी करा किसानो को अति शिघ्र मुआवजा दिलाने की मांग की है।
विधायक आक्या ने बताया की विधानसभा क्षैत्र मेें किसानो को डोडा चुरा नष्ट करने के नाम पर बेवजह परेशान किया जा रहा है। उन्होने इस संबंध में भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर इस बाबत जिला कलक्टर को ज्ञापन सोंपा है।
विधायक आक्या ने बताया की डोडा चूरा नष्टीकरण की जिम्मेदारी राजस्थान सरकार की थी, परन्तु बारिश के मौसम में डोडा चूरा की दुर्गन्ध व कीडे़ पड़ने से बीमारी व महामारी की आशंका के चलते किसानों द्वारा डोडा चूरा को खेत में डालकर नष्ट कर दिया गया, जिससे की खाद बन जाये। सरकार द्वारा 4 वर्ष का डोडा चूरा नष्टीकरण का आदेश जारी किया गया जो कि अफीम उत्पादक किसानों को परेशान करने वाला है एवं किसी भी दृष्टि से व्यवहारिक नहीं है। जिला आबकारी अधिकारी चित्तौड़गढ़ द्वारा दिनांक 19 जनवरी को दैनिक अखबारों में जारी की गई सूचना में भी अफीम काश्तकारों को अफीम फसल वर्ष 2018-19, 2019-20, 2020-21 एवं 2021-22 के डोडा चूरा निस्तारण हेतु नियत तिथि को निर्धारित केम्प स्थल पर पहुचने के लिए काश्तकारों को आदेशित किया गया है। मगर डोडा चूरा समय के साथ स्वतः खराब हो जाता है तथा चोर और लुटेरों के डर के कारण लम्बे समय तक सुरक्षित नहीं रखा जा सकता है। विशेष रूप से बारिश के दिनों में नमी से सडने पर कीडे-मकोडे, जहरीले जीव-जन्तु पनपने का डर बना रहता है।
उन्होने सरकार से डोडा चूरा नष्टीकरण के इस आदेश को निरस्त करा किसानो को राहत दिलाने की मांग की है। साथ ही यह भी कहां की अगर सरकार द्वारा इस बाबत किसानो को राहत प्रदान नही की गई तो इस मुददे को विधानसभा में उठाया जाऐगा।