वीरधरा न्यूज़।बम्बोरी@ श्री लोकेश जणवा।
बम्बोरी।बम्बोरी में गवरी नृत्य का मंचन किया गया। गवरी नृत्य मेवाड़ का पारंपरिक लोकनृत्य है यह भील जनजाति द्वारा किया जाता है। भील जनजाति भगवान शिव को अपना आराध्य मानते हैं और उनकी पत्नी पार्वती को गौरी मानती है। गोरी के नाम से ही इस नृत्य का नाम गवरी पड़ा है। यह नृत्य भाद्रपद कृष्ण की एकम से शुरू होता है जो लगातार सवा महीने तक चलता है। सवा महीने तक भील जनजाति के लोग व्रत और उपवास रखते हैं और इस नृत्य का मंचन करते हैं। इस नृत्य में मुख्य पात्र राय बुढ़िया,हथिया,और वरजू कांजरी, लक्खी बंजारा,चोर,बालद,प्रेम सुखा, कानजी आदि होते हैं। यह जानकारी गोविन्द गुर्जर ने दी है। साथ ही बताया कि गवरी नृत्य देखने के लिए आसपास के गांव से काफी संख्या में ग्रामवासी पहुंचे। आयोजन देवनारायण मंदिर परिसर में किया गया।