Invalid slider ID or alias.

सोनियाना-बड़ी धूमधाम से मनाया गया श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह।

 

वीरधरा न्यूज।सोनियाना@ श्री कालु सेन।

सोनियाना।वृंदावन से पधारे परम् पूज्य संत श्री ललित सरण जी महाराज ने माखन छोरी के प्रसंग का वर्णन करते हुए कहा कि नंदालय में गोपियों का तांता लगा रहता है। हर गोपी भगवान से प्रार्थना करती है कि किसी न किसी बहाने कन्हैया मेरे घर पधारें। जिसकी भगवान के चरणों में प्रगाढ़ प्रीति है, वही जीवन्मुक्त है। एक बार माखन चोरी करते समय मैया यशोदा आ गईं तो कन्हैया ने कहा कि मैया तुमने इतने मणिमय आभूषण पहना दिए हैं जिससे मेरे हाथ गर्म हो गए हैं तो माखन की हांडी में हाथ डालकर इन हाथों को शीतलता प्रदान कर रहा हूं।
श्रीकृष्ण-रुक्मिणी विवाह का प्रसंग सुनाया गया। छठे दिन व्यास पीठ पर विराजमान कथावाचक महाराज ने रास पांच अध्याय का वर्णन किया। उन्होंने कहा कि महारास में पांच अध्याय हैं। उनमें गाये जाने वाले पंच गीत भागवत के पंच प्राण हैं जो भी ठाकुरजी के इन पांच गीतों को भाव से गाता है वह भव पार हो जाता है। उन्हें वृंदावन की भक्ति सहज प्राप्त हो जाती है।

कथा में भगवान का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि संदीपनी के आश्रम में विद्या ग्रहण करना, कालयवन का वध, उधव गोपी संवाद, ऊधव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय भावपूर्ण पाठ किया गया। कथा के दौरान आचार्य ने कहा कि महारास में भगवान श्रीकृष्ण ने बांसुरी बजाकर गोपियों का आह्वान किया और महारास लीला के द्वारा ही जीवात्मा परमात्मा का ही मिलन हुआ। जीव और ब्रह्म के मिलने को ही महारास कहते है।

Don`t copy text!