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चित्तोड़गढ़-शिक्षा रैकिंग में संभाग में सबसे बेहतर प्रदर्शन चित्तौड़गढ़ का रहा है, 200.02 अंक प्राप्त कर राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तोड़गढ़। सुधार के तमाम दावों के बीच जिले की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह बेपटरी होती दिखाई दे रही है। जिला समान परीक्षा में पेपर वितरण की गड़बड़ी से खुद की किरकिरी करवा चुका विभाग अब शाला दर्पण पोर्टल अपडेट करने में भी फिसड्‌डी साबित हुआ है। जिसके चलते सम्भाग मुख्यालय उदयपुर की शाला दर्पण में रैंकिंग सुधरने के बजाय वहीं आ गई है जो साल की शुरुआत में थी। पिछले 4 महीनों में रैंकिंग 6 पायदान नीचे जाकर 30वें स्थान पर फिसल गई है।
इस महीने जारी नवंबर माह की रिपोर्ट में जयपुर अव्वल और चूरू दूसरे स्थान पर रहा। उदयपुर ने 174.08 अंक हासिल किए हैं, जबकि संभाग में सबसे बेहतर प्रदर्शन चित्तौड़गढ़ का रहा है। चित्तौड़गढ़ ने 200.02 अंक प्राप्त कर राज्य में तीसरा स्थान प्राप्त किया।
वहीं, डूंगरपुर 16वें, बांसवाड़ा 22वें और राजसमंद 25वें स्थान पर है। प्रतापगढ़ का रैंकिंग में 28वां स्थान रहा। रैंकिंग में फिसलने पर जब भी अधिकारियों से सवाल पूछा जाता है, तो वे पोर्टल अपडेट नहीं हो पाने और ब्लॉक ऑफिसर को निर्देशित करने की बात कहकर पल्ला झाड़ लेते हैं।

*43 पैमाने, पोर्टल पर बतानी होती है प्रोग्रेस*

दरअसल, सरकारी स्कूलों में सभी सूचनाएं एकत्र करवाने के लिए शाला दर्पण पोर्टल पर विद्यालयों की श्रेणी, बेसिक प्रोफाइल, कार्मिकों की संख्या, नामांकन की स्थिति, विद्यालयों में उपलब्ध संसाधनों की सुविधा, सेवा रिकॉर्ड, छात्रवृत्ति योजना समेत 43 बिंदुओं के आधार पर जिलों की रैंकिंग जारी होती है। जिसे हर महीने शाला दर्पण पोर्टल पर अपलोड करनी होती है।

*खामियां जो संक्रमण की तरह लगी, इनका इलाज कब होगा*

पोर्टल पर विभिन्न सूचनाओं के मॉडलों को सही तरीके से अपडेट नहीं करना।
पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी स्तर पर मासिक प्रगति रिपोर्ट के अपडेशन का अभाव।
आधार लिंकेज व एसडीएमसी रजिस्ट्रेशन का पूर्ण नहीं होना।
जिला व ब्लॉक शिक्षा कार्यालयों में पदस्थापित अधिकारियों द्वारा पर्यवेक्षण वह पीईईओ स्तर पर सूचनाओं का सही अपडेशन नहीं होना।

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