नागौर-राजस्थानी भाषाः दशा और दिशा पर होगा विचार मंथन टाउन हॉल में राष्ट्रीय संगोष्ठी 27 को सुबह दस बजे से होगा पहला सत्र।
वीरधरा न्युज नागौर@ श्रीप्रदीप डागा।
नागौर।नागौर की धरा पर राजस्थानी भाषाः दशा और दिशा पर मायड़ भाषा के सुधिजन विचार मंथन करेंगे। इसे लेकर टाउन हॉल में शनिवार की सुबह दस बजे से चर्चा का दौर शुरू होगा, जो शाम तक चलेगा। शिक्षा विभाग और नगर परिषद नागौर की ओर से आयेाजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के दो सत्र होंगे। पहले सत्र की शुरूआत सुबह दस बजे से होगी।
राजस्थानी भाषाः दशा और दिशा विषय पर आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के मुख्य अतिथि कवि व आलोचक डॉ. अर्जुनदेव चारण होंगे। राष्ट्रीय संगोष्ठी की अध्यक्षता जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी करेंगे। कार्यक्रम के संयोजक रामरतन लटियाल ने बताया कि राजस्थानी भाषाःदशा और दिशा विषयक इस राष्ट्रीय संगोष्ठी की शुरूआत शनिवार को सुबह दस बजे किया जाएगा, जिसमें बीज भाषण डॉ.गजेसिंह राजपुरोहित, बाबा रामदेव शोध पीठ, जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय देंगे। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि साहित्य अकादमी, नई दिल्ली में राजस्थानी परामर्श मंडल के संयोजक मधु आचार्य तथा पर्यावरण प्रेमी पद्मश्री हिम्मताराम भांभू होंगे। लटियाल ने बताया कि यह राष्ट्रीय संगोष्ठी दो सत्रों में आयोजित होगी, जिसमें राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से आए मायड़ भाषा के साहित्यकार कवि आलोचक व कथाकार विचार मंथन करते हुए अपनी बात रखेंगे. इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में राजस्थानी भाषा के साहित्य लेखन और उसमें नई पीढ़ी के जुड़ाव को लेकर भी सार्थक चर्चा होगी. राष्ट्रीय संगोष्ठी में राजस्थानी भाषा के प्राध्यापक व शोधार्थी भी भाग लेंगे. यही नहीं दसवीं कक्षा से लेकर स्नातकोत्तर तक राजस्थानी विषय के विद्यार्थी भी इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में भाग लेंगे। संगोष्ठी के दौरान खुली चर्चा का सत्र भी आयोजित होगा।
इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में जयपुर, उदयपुर, कोटा, जोधपुर, बीकानेर सहित प्रदेश के विभिन्न जगहों से राजस्थानी भाषा के साहित्यकार, कथाकार, कवि भाग लेंगे। लटियाल ने बताया कि इस संगोष्ठी में राजस्थानी भाषा व साहित्य क्षेत्र में काम करने वाले विशिष्ट जनों का सम्मान भी किया जाएगा।