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चित्तोडगढ़-दिवाकर जयंती पर गुणानुवाद सभा में चौथमल म सा का किया गुणगान, चित्तौड़गढ़ चातुर्मास स्मारिका का हुआ विमोचन।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।

चित्तौड़गढ़।समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सॉल्यूशन प्रवचन श्रृंखला के क्रम में बुधवार को खातर महल में डॉ समकित मुनि ने पूजनीय गुरूदेव जैन दिवाकर चौथमल म.सा. की 145 वीं जन्म जयंती पर उनका स्मरण करते हुए कहा कि वे महाउपकारी महापुरूष हुए, उनका महान उपकार जैन सम्प्रदाय व सभी सम्प्रदायो के लिये एक समान था। उन्होंने कहा कि जीवन उन्हीं का यादगार बनता है जिनमें दया का मूल भाव है। दया करने वालों को ही संसार याद करता है।

दया धर्म का मूल है। वाणी का चमत्कार बड़ा प्रभाव डालता है। राजा ,राणा महारासा की वाणी सुनकर लोग हिंसा छोड़ देते थे। महापुरुष दुनिया से विदा लेने से पहले दुनियावालों को जीवन जीने की रीति नीति बता कर जाते हैं ।

जो गुरुभक्ति में डूबे वो तर गए। जो किनारे पर रह गए वो डूब गए।

व्यसन ,परिवार समाज को बर्बाद करते हैं। संत का एक ही मिशन होता है कि गलत परंपराओं और व्यसनों से समाज और देश को दूर रखने की प्रेरणा देना। साध्वी विशुद्धि म सा ने कहा कि मांसाहार, मद्यपान, जुआ, चोरी,पर स्त्रीगमन,शिकार,झूठ ये सातो न करने योग्य व्यसन है।

प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि दिवाकर जयंती पर गुणानुवाद सभा में श्रावक श्राविकाओं ने जैन दिवाकर चौथमल म सा के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके गुणों का वाचन करते हुए गीतिकाओं और मुक्तकों के माध्यम से उनकी जन्म जयंती मनाई।

समकित के संग समकित की यात्रा चित्तौड़गढ़ चातुर्मास 2021 पर  प्रकाशित स्मारिका का विमोचन श्रीसंघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया, मंत्री अजीत नाहर, उपाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंघवी,संरक्षक मनसुखलाल नाहर, जैन दिवाकर संगठन समिति अध्यक्ष वल्लभ बोहरा,प्रचार मंत्री सुधीर जैन,जैन दिवाकर महिला परिषद अध्यक्ष अंगुरबाला भड़कत्या, चंदनबाला महिला मंडल अध्यक्ष प्रमिला बड़ाला, कार्यकारिणी सदस्य हस्तीमल चंडालिया,स्मारिका संपादक नीलेश कांठेड़ ने किया। स्मारिका में चातुर्मास काल की समस्त गतिविधियों व इस चातुर्मास पर विभिन्न आलेखों व विचारों का समावेश करते हुए महत्वपूर्ण विषयों को सम्मिलित किया गया है जो चातुर्मास के पश्चात सभी के लिए एक यादगार संकलन होगा।

तपस्वी रत्न सुरेश बोहरा को चातुर्मास काल में सर्वाधिक 50 उपवास पूर्ण करने पर श्रीसंघ द्वारा सम्मानस्वरूप अभिनंदन पत्र समर्पित किया गया।

प्रवचन में भवान्त मुनि म सा ,साध्वी विशुद्धि म सा,साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया।

कार्यक्रम के पश्चात गौतम प्रसादी का आयोजन सम्पन्न हुआ।

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