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चित्तोडगढ़-हमे जीवन मे हमेशा कलह नही सुलह के मार्ग पर चलना चाहिऐ: डॉ समकित मुनि।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सॉल्यूशन प्रवचन श्रृंखला के क्रम में गुरुवार को खातर महल में डॉ समकित मुनि ने अपने प्रवचन में कहा कि सामने वाला गुस्से में बोल रहा है तो उसे हम प्रेम से कह सकते हैं।इसी में फायदा है। छोटी छोटी बातों के लिए दूसरों को हराने की कोशिश में हम स्वयं भी हारते हैं और हम से जुड़े रिश्ते भी हार जाते हैं। कलह नहीँ सुलह के मार्ग पर चलना चाहिऐ ।अपने व्यवसाय को अपनी नीतियोँ से चलाना चाहिए न कि दूसरे की देखा देखी से नकल करके।
हमारा पक्का सिद्धांत है “जैसे तुम वैसे हम”।कोई हमसे अकड़ के गुस्से में बात करता है तो हम भी उसी अनुरूप गुस्सा कर लेते हैं जबकि हम प्रेम से वही बात कर लेंगे तो झगड़ा टल सकता है।
इंसान का अभिमान फैसले नहीँ लेने देता । जिद की दीवार ईतनी लंबी हो जाती है कि चीन की दीवार भी उसके सामने छोटी पड़ जाती है।रिश्तों को बनाये रखने,संम्भालने के लिए भले ही दो कदम पीछे हटाने पड़े या थोड़ा झुकने पड़े तो इसमें शर्म की कोई बात नहीं। जिद और अभिमान साथ होकर टकराएंगे तो रिश्तों में विस्फोट होना निश्चित है।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि जैन संस्कृति तीर्थ द्वारा नासिक के वरिष्ठ श्रावक कांतिलाल लोढ़ा को नासिक चातुर्मास में श्रेष्ठ सेवाओं के लिए संघ रत्न की उपाधि से एवं नासिक निवासी श्रावक मनोज शांतिलाल चोरड़िया को संघ गौरव की उपाधि से अलंकृत कर श्रीसंघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया,रोशनलाल मेहता,डॉ आर एल मारू, प्रचार प्रसार मंत्री सुधीर जैन,पदम मेहता,कमल मेहता, द्वाराअभिनंदन पत्र भेंट कर मेवाड़ी पाग पहनाकर स्वागत किया गया। प्रवचन में भवान्त मुनि म सा ,साध्वी विशुद्धि म सा,साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे।कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया ने किया।अभिनंदन पत्र का वाचन सुधीर जैन ने किया।

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