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चित्तोडगढ़-बड़ों का आशीष हमारी शक्ति बन जाता है: डॉ समकित मुनि।

वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।समकित के संग समकित की यात्रा स्ट्रेसफुल लाइफ का सॉल्यूशन प्रवचन श्रृंखला के क्रम में शुक्रवार को खातर महल में डॉ समकित मुनि ने 27 दिवसीय उत्तराध्ययन सूत्र के 23 वें अध्ययन मे जीवन जीने की कला पर प्रवचन देते हुए कहा कि उत्तराध्ययन सूत्र में समाचारी के नियम आचरण की वृति में परिवर्तन की प्रेरणा देते है तथा अत्यंत सरल ये नियम साधु साध्वी श्रावक श्राविका सबके लिये करणीय है। समाचारी विनय,अनुशासन आज्ञापालन की यथाविधि वृति सिखाती है और व्यक्ति का जीवन उज्जवल कर देती है।उन्होंने कहा कि कहीं भी जाते समय बोल कर जाना चाहिए। ऐसा करके हम बड़ों का आशीष लेकर जाते है और वह आशीष हमारी शक्ति बन जाता है।इसी प्रकार बाहर से आते ही अपने से बड़ों को बताना चाहिए कि मैं लौट कर आ गया हूं। आपके लिये उनके जीवन का अनुभव निर्णय -अनिर्णय की स्थिति में मार्गदर्शक बन जायेगा। आपको लेकर उनकी चिंता का भी निवारण हो जायेगा। कोई भी कार्य पूछ कर करना। पूछना गुलामी नहीं बंधन नहीं है, अनुशासन है। बड़े यदि ना कहे तो उसमें अपना भला मान कर स्वीकार कर लेवें। किसी अन्य के लिये कार्य करते समय भी पुनः पूछ कर कार्य करना चाहिए। हमें जो मिला हो उसे पहले समर्पित करने का अभ्यास रखना। आप उदारता और संयम के गुण आत्मसात कर रहे होगें।किसी से काम कराना हो तो आपकी वाणी आदेश की न हो,आग्रह की हो। उनसे कहें कि तुम्हारा मन करता हो,इच्छा हो तो यह कार्य करें। अज्ञान या प्रमाद के वश यदि भूल हो जाये उसे सहज स्वीकार करने का साहस रखना चाहिये। हम प्रायः भूलों के लिये स्पष्टीकरण देने का दुराग्रह करने लगते है।आपकी क्षमता और योग्यता देखकर कोई कार्य करने को कहा जाये तो उसे बिना किसी शंका के स्वीकार करना चाहिये।बताये गये कार्य को अपना सौभाग्य और सीखने का अवसर समझे।आदर देने में कैसा संकोच? यदि आप आदर देगें तो आप आदर ही पायेंगे। आदर देने से विनय की वृद्धि ही होती है। संसार का संचालन एक सुसंगत सहकारिता से ही होता है । हम सभी एक दूसरे पर आश्रित होते है इसी कारण भगवान ने फरमाया है परस्परोपग्रह जीवानां।किसी भी योग्य व्यक्ति से विनय पूर्वक सीखना अपनी योग्यता का ही परिष्कार होता है।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि प्रवचन में भवान्त मुनि म सा ,साध्वी विशुद्धि म सा,साध्वी विशाखा म सा विराजित रहे। कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया।

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