वीरधरा न्यूज़।चित्तोडगढ़@ श्री अनिल सुखवाल।
घोसुंडा। आज घोसुण्डा गांव में भगवान “लालजी-कानजी” का मेला हर वर्ष के भांति चित्तौड़गढ़ के निकटवर्ती गांव घोसुंडा में लगाया गया। वैसे यह मेला हर साल सर्द पूर्णिमा पर लगता है। क्षेत्रवासियों द्वारा मेला काफी हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस मेले में आसपास के कई गांवो के लोग यहां पर आते है। घोसुण्डा गांव के भगत, राज कुमार काबरा के घर से भगवान “लालजी-कानजी” की प्रतिमा घोसुण्डा गांव के तालाब में झुलने जाते है इससे पहले भक्तों द्वारा भगवान की सवारी निकली जाती है, जिसमें आस-पास के बहुत से गांवों के भक्तों का तांता बना रहता है। हर्ष उल्लास के साथ सभी भक्त भगवान की सवारी के पीछे नाचते गाते हुए चलते हैं लेकिन इस बार प्रशासन की अनुमति नहीं मिलने से ग्राम वासियों को निराशा हाथ लगी और उन्हें जल्द ही अपने अपने घर को लौटना पड़ गया।
बता दें कि कोराना की गाइडलाइन की पालना के चलते इस बार प्रशासन ने मेलें में आने वाले भक्तों की भिड़ को एक जगह एकत्रित नहीं होने दिया। वैसे मेला तीन दिन तक बना रहेगा।
गांव के ही एक समाजसेवी सरवन व्यास ने बताया कि इस बार यहां आने वाले लोगों में बहुत ही निराशा देखने को मिलीं है लेकिन सरकार की गाइड लाइन की पालना करना भी जरूरी है इसलिए प्रशासन ने भक्तों की भिड़ को एक जगह एकत्रित नहीं होने दिया जिसमें गांव वालों ने भी पूरा सहयोग किया।
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