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जयपुर-राजस्थान के 33 में से 30 जिलों में डेंगू का कहर, मात्र 19 दिन में आए 6790 से भी ज्यादा केस, चिकित्सा अधिकारियों की छुटि्टयां रद्द।

वीरधरा न्यूज़।जयपुर@डेस्क जयपुर। राजस्थान में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया समेत अन्य मौसमी बीमारियों ने कहर मचा रखा है। अस्पतालों में ओपीडी के साथ-साथ आईपीडी में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ने लगी है। इसे देखते हुए मंगलवार को चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने प्रदेश के सभी चिकित्सा, स्वास्थ्य अधिकारियों (सीएमएचओ) और विभाग से जुड़े अधिकारियों संग बैठक कर इसे कंट्रोल करने पर चर्चा की। साथ ही, मंत्री ने अगले आदेशों तक सभी जिलों के चिकित्सा अधिकारियों की छुटि्टयों पर रोक लगा दी है।
अक्टूबर में अब तक राजस्थान के 33 में से 30 जिलों में 6790 से भी ज्यादा डेंगू के केस मिले हैं। यह आंकड़ा लगातार बढ़ता ही जा रहा है। हर जिले में ओपीडी में मरीजों की लम्बी लाइनें लग रही हैं। जांच केन्द्रों के साथ-साथ हॉस्पिटल में भर्ती मरीजों की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। इसे देखते हुए चिकित्सा मंत्री ने प्रदेश के सभी जिलों के सीएमएचओ को मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिए 20 अक्टूबर से 3 नवम्बर तक डेंगू मुक्त राजस्थान अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए हर जिले में एक कंट्रोल रूम और रैपिड रेस्पॉन्स टीम का गठन करने के लिए कहा है, जो 24×7 समय चले और लोग उन पर फोन करके मौसमी बीमारियों संबंधी जानकारी और उनके बचाव के बारे में परामर्श ले सकें।

डेंगू का मरीज मिले, वहां एंटीलार्वा गतिविधियां करें
मंत्री ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे उन जगहों पर तेजी से एक्टिव हो जाएं, जहां सबसे ज्यादा डेंगू और मलेरिया के केस आ रहे हैं। जिन घर या मोहल्ले में डेंगू का केस मिले उस घर के आसपास 50 घरों में एंटीलार्वा का छिड़काव करें और फॉगिंग करवाएं।

दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के निर्देश
मंत्री शर्मा ने सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र (सीएचसी), उप जिला अस्पतालों पर आने वाले मरीजों को आउट डोर के साथ-साथ इंडोर उपचार भी देने के निर्देश दिए। इन बीमारियों में काम आने वाली जरूरी दवाओं का पर्याप्त स्टॉक रखने के लिए कहा। साथ ही, प्रभावी क्षेत्रों में डोर टू डोर सर्वे करवाकर मरीजों की पहचान करने के भी निर्देश दिए।

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