वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।जैन धर्म के सबसे बड़े पर्व पर्वाधिराज पर्युषण के चौथे दिन खातर महल में आयोजित प्रवचन कार्यक्रम में साध्वी विशुद्धि म सा ने अंतगड़ सूत्र का मूल वाचन किया और साध्वी विशाखा म सा ने सुंदर गीतिका के माध्यम से पर्युषण पर्व और गुरु की महिमा बताई।
प्रवचन में आगमज्ञाता,वाणी के जादूगर डॉ समकित मुनि ने कहा कि पर्युषण पर्व दुश्मनी के रास्ते बंद करने का पर्व है ।यदि हमने यह रास्ता बंद नहीं किया तो दुआ आने के रास्ते बंद हो जाएंगे। डॉक्टर समकित मुनि ने कहा कि जिनके साथ बोलचाल बंद हो, जिनका घर आना जाना बंद हो उनसे अवश्य हमें क्षमा याचना करना चाहिए । उन्होंने कहा कि जीवन में होल्ड करने की आदत वैर के रिश्ते को कई जन्मों तक बनाए रखती है ।हम कई बार व्यवहार में किसी से झगड़ा होने पर कह देते हैं कि “मैं तुझे बाद में देख लूंगा “,यह होल्ड करने की आदत हमें सदैव सफलता से पीछे रखती है ।उन्होंने उपस्थित श्रावक श्राविकाओं से कहा कि संकल्प करो कि इस जिंदगी के पाप को अगले जन्म में लेकर नहीं जाएंगे। यही पर्व पर्युषण की सच्ची आराधना होगी । उन्होंने तपस्या, प्रवचन, दान और पुण्य को एक माध्यम बताया है जिनकी वजह से हम क्षमा याचना की स्टेज तक पहुंच पाते हैं ।आगम कार कहते हैं कि
यदि एक साल से ज्यादा नफरत को आगे बढ़ाया तो परमात्मा की नजर में धर्मात्मा नहीं रहोगे । उन्होंने कहा कि क्षमा याचना जब तक दिल से नहीं होगी तब तक कुछ भी अच्छा नहीं होगा। उन्होंने देवकी माता का प्रसंग सुनाते हुए कहा कि देवकी माता से
श्रीकृष्ण ने कहा कि बचपन से मैं तेरी बात मानता रहा हूं तो इस बार मेरी बात मानकर लघु भ्राता गजसुकुमाल को दीक्षा के लिए हंसते-हंसते विदा करो।
मां कभी नहीं चाहती कि बेटे की तमन्ना अधूरी रहे। 99 लाख वर्ष पहले की दुश्मनी याद आना जीवन की सबसे बड़ी ट्रेजडी होती है ।
मुनि ने आह्वान किया कि भूलना सीखो। भूलना किसे है? गलती अपशब्द और बुरे व्यवहार को ।इनको याद रखना जीवन में बहुत खतरनाक है। यदि हम वैर,दुश्मनी और नफरत को भूलते नहीं हैं तो सज्जन भी दुर्जन हो जाता है ।अपनी तरफ से वैर और नफरत का रिश्ता कभी पेंडिंग नहीं रखना चाहिए। भावों में निर्मलता बढ़ती जाती है तो आत्मा अपने गुणस्थान में पहुंच जाती है ।उन्होंने कहा कि परमात्मा का वैज्ञानिक सिद्धांत है दूसरे के आसन और दूसरे की कुर्सी पर कभी नहीं बैठना चाहिए। डॉ समकित
मुनि ने कहा
खामेमि सव्वे जीवा- अर्थात सभी जीवो से क्षमायाचना करें ।इस बात को को जीवन में उतारें सिर्फ उच्चारण से कुछ प्राप्त न हो सकेगा।
प्रचार मंत्री सुधीर जैन ने बताया कि सोमवार को आयोजित वन मिनट स्पीच -कोरोना वैक्सीन लगवाना क्यों जरूरी है प्रतियोगिता के श्रावक वर्ग के विजेता
प्रयान छाजेड़, प्रथम,सुधीर जैन व शुभम मेहता द्वितीय व संयम नाहर तृतीय रहे। श्राविका वर्ग में रेणुका आंचलिया प्रथम,खुशी कोठारी द्वितीय व अदिति सुराणा तृतीय रही।महिलाओं की अंत्याक्षरी प्रतियोगिता में याकिनी बोहरा,नीलम तरावत, रेखा सिंघवी,सीमा सिंघवी विजेता रही।
मंगलवार को खातर महल में जैन दिवाकर महिला परिषद व चंदनबाला महिला मंडल द्वारा चुनड़ी का उपवास करने वाली श्राविकाओं को साध्वी विशुद्धि म सा व साध्वी विशाखा म सा की प्रेरणा से चुनड़ी ओढ़ाने का दर्शनीय कार्यक्रम हुआ व पांच मांगलिक देते हुए पांच चुनड़ी के गीत गाये।दोपहर में कल्प सूत्र का वाचन और अखंड नवकार मंत्र निरंतर जारी है। अरनोदा मूल के 70 वर्षीय वयोवृद्ध श्रावक मांगीलाल धींग के आज 19 उपवास का प्रत्याख्यान डॉ समकित मुनि ने दिलाया। इस उम्र में भी उनके भक्तिभाव और कठोर तपस्या की श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संस्थान अध्यक्ष हस्तीमल चोरड़िया व उपस्थित श्रावक श्राविकाओं ने बारम्बार अनुमोदना की। कार्यक्रम का संचालन श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने किया ।