बेगु-मेनाल में पहले रविवार को उमड़ी पर्यटको की भीड़, हरियाली के बीच झरने बने विरंगम दृश्य बहुत भा रहे पर्यटकों को।
वीरधरा न्यूज़।बेगु@ श्री महेन्द्र धाकड़।
चित्तौड़गढ़/बेगु। भीलवाड़ा-चित्तौड़गढ़ की सीमा पर नेशनल हाईवे- 27 के समीप प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मेनाल प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी पर्यटकों को लुभाने लगा है।
जहा एक ओर मेनाल में मानसून की पहली बारिश में खूबसूरती निखर गई है। उमस और गर्मी से राहत मिली। वही तीसरे दिन रविवार को भी लगातार बारिश से मौसम भी सुहावना हो गया है। पूरे दिन झमाझम के बाद यहां का प्रसिद्ध पर्यटन स्थल मेनाल का झरना पूरी रफ्तार से बहने लगा है। इसे देखने दूर-दूर से पर्यटक आ रहे हैं। रविवार को बारिश के चलते तापमान में भी काफी गिरावट दर्ज की गई है। वही यहाँ छूट्टी का अवसर होने के चलते दर्जनों गाड़ियों से सेकड़ो की संख्या में पर्यटक पहुचे जो प्राकृतिक छटा का पुरा आंनद लेते दिखे।
सेल्फी की होड़ खतरा मोल-
झरनों के साथ सेल्फी की होड़ में कही युवा यहाँ खतरों के खिलाड़ी बनते भी देखे गए, जिससे उनकी लापरवाही से बढ़कर ओर कुछ नही कहा जा सकता, पूर्व में भी यहाँ कही हादसे हो चुके है बावजुद इसके यहाँ रविवार को ऐसे कई फिल्मी स्टाइल वाले दृश्य देखने को मिले जो चोकाने वाले थे, तो वही यहाँ किसी भी प्रकार का प्रसासन मुस्तेद नजर नही आया जिससे यह कहना भी गलत नही होगा कि प्रशासन की ढिलाई आमजनता के लिए दुखदायक हो सकती है।
मेनाल के बारे में –
मेनाल का झरना भीलवाड़ा जिले के लाडपुरा कस्बे के निकट चित्तौड़गढ़ कोटा नेशनल हाइवे पर स्थित है। यह झरना पूरी तरह से प्राकृतिक है। यहां 7 झरने एक साथ बहते हैं। ऐतिहासिक महानाल मंदिर भी है, जो खजुराहो के मंदिर की याद दिलाता है।
वहीं बात की जाए तो पुरातत्व विभाग की अनदेखी के चलते यहां स्थित महानालेश्वर शिवालय के पास मंदिर क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। क्षेत्रवासियों द्वारा कई बार मांग करने पर भी यहां पुरातत्व विभाग द्वारा इन मंदिरों को पुरानी कला को ठीक नहीं किया जा रहा है।
मेनाल के चारों और घने वनों में अच्छादित मेनाल इतिहास, पुरातत्व, पर्यटक और धार्मिक आस्था का संगम स्थल है। वैसे तो मेनाल में 12 महीने पर्यटकों की आवाजाही रहती है। लेकिन बरसात के मौसम में आसपास के जिलों के अलावा मध्यप्रदेश व राजस्थान के दूरदराज क्षेत्रों से आने वाले पर्यटक यहां के प्राकृतिक छटाओ से युक्त यहां के खुशनुमा वातावरण में पिकनिक का लुफ्त उठाते हैं।
हरियाली अमावस्या को यहाँ मेला सा माहौल रहता है और बड़ी संख्या में लोग यहाँ पहुचते है।