वीरधरा न्यूज़।पहुना@श्री मनोहर शर्मा।
पहुँना।राशमी उपखंड क्षेत्र मे स्थित मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुंडिया में शनिवार को गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर मातृकुंडिया किनारे घाटों पर कोरोना काल में भक्तों की भरी भीड़ एकत्र हो गई। घाटों पर श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुंडिया में भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने पवित्र कुंड में स्नान कर भगवान मंगलेश्वर महादेव की परिक्रमा कर दान दक्षिणा दी । प्रमुख मंदिरों में अपने गुरुओं के पास पहुंच पूजा अर्चना के बाद आशीर्वाद प्राप्त किया । सुबह से ही मातृकुंडिया में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखने को मिली। गुरु पूर्णिमा का मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुंडिया में विशेष महत्व है। यहां पर प्रतिवर्ष लोग दूर-दूर से भारी संख्या में आते हैं लेकिन इस बार गुरु पूर्णिमा में कोविड का असर दिखने को मिला । बीते वर्षो की अपेक्षा इस वर्ष भीड़ में कमी देखी गई । गुरुपूर्णिमा के अवसर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने पवित्र कुंड में स्नान पर भगवान की कथा सुनी और पूजा अर्चना कर आशीर्वाद मांगा और उसके बाद खुशहाली और उन्नति की कामना करते हुए गरीबों में दान किया। माना जाता है की गुरु पूर्णिमा पर गरीबों का दान करने से घर में सुख शांति रहती है। घाटो पर मेले जैसे माहौल रहा, जहां विभिन्न प्रकार के साज सज्जा की दुकानों पर लोगों की भीड़ रही।
लोगो के अस्थि विसर्जन के साथ किया पिंडदान-
समूचे राजस्थान से कई लोग गुरु पूर्णिमा के पवित्र मौके पर अपने पूर्वजों के अस्थि विसर्जन के लिए पहुंचे जिन्होंने विधि अनुसार पूजा अर्चना करा अस्थि विसर्जन कर पिंडदान किया। पुराणों और स्मृति ग्रंथों में पिंडदान (पितृ यज्ञ) या श्राद्धकर्म की महत्ता बतायी गयी है। पिता की मृत्यु के बाद बाद आत्मा की तृप्ति और मुक्ति के लिए पुत्र द्वारा पिंडदान और तर्पण करने का विधान है। पिंड तर्पण और श्राद्धकर्म के अभाव में जहां पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष नहीं मिलता है, वहीं पुत्रों को भी पितृऋण से छुटकारा नहीं मिलता है। यही वजह है कि पिंडदान और तर्पण को प्रत्येक हिन्दू-पुत्र को उसका कर्तव्य माना जाता है। इसके बारे में विष्णुपुराण में भी बताया गया है। हिन्दू धर्मशास्त्रों मातृकुंडिया को त्रिस्थली के रूप में वर्णित हैं। पूर्वजों की आत्मा को मोक्ष और मुक्ति दिलाने के लिए मातृकुंडिया में पिंडदान करते हैं। पिंड दान में नन्हे बालक भी दिखाई दिया जो भी पिंडदान का कर्म करते दिखाई दिए।
मंगलेश्वर महादेव पर रही भारी भीड़-
मातृकुंडिया स्थित मेवाड़ के प्राचीन तीर्थ स्थल मंगलेश्वर महादेव के यहां सुबह से ही भक्तों का रेला लग गया जिन्होंने जिन्होंने कतार में लगकर भगवान के दर्शन किए दर्शन के बाद जरूरतमंदों को दान दक्षिणा भी दी।
महिलाओं ने स्नान कर सुनी कथाएं-
गुरू पूर्णिमा के पावन मौके पर आगंतुक महिलाओं ने पवित्र कुंड में स्नान कर विधि विधान से पूजा कर भगवान की कथाएं सुनी और अच्छी बारिश और अपने परिवार की खुशहाली की कामना की।
सेल्फी का चलन रहा जोरों पर-
मेवाड़ के हरिद्वार मातृकुंडिया में गुरु पूर्णिमा के पावन पर्व पर दूर दराज से आए कई लोग सेल्फी लेने में व्यस्त दिखाई दिए। सेल्फी लेने वालों ने पवित्र कुंड के साथ लक्ष्मण झूला , आदि स्थानों पर सेल्फी ली।
दाल बाटी चूरमा बना लगाया प्रभु को भोग-
गुरु पूर्णिमा के पावन अवसर पर दूर-दराज से आए कई लोगों ने दाल बाटी चूरमा बना अपने भगवान को भोग लगाया।