वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@डेस्क।
चित्तौड़गढ़।श्रमण संघीय आचार्य सम्राट डॉक्टर शिव मुनि जी महाराज साहब के आज्ञा अनुवर्ती और राज ऋषि भीष्म पितामह परम पूज्य श्री सुमति प्रकाश जी महाराज साहब के शिष्य आगम ज्ञाता वाणी के जादूगर डॉक्टर समकित मुनि जी महाराज साहब ने आज खातर महल में धर्म सभा को संबोधित करते हुए कहा की हमे बंधनों के बोझ को समझ कर इस बोझ को खत्म करने का प्रयास करना है। आज आप लोग जो मेहनत कर रहे हैं जो परिश्रम कर रहे हैं वह बोझ बढ़ाने वाला है या घटाने वाला है । हम जो बोलते हैं उसका बोझ दिमाग पर तो हावी नहीं रहता है ।अगर दिमाग पर बोझ बढ़ेगा तो आत्मा पर भी कर्म का बोझ बढ़ता जाएगा। मन में फर्क हो जाता है तो छोटी-छोटी बातों में भी फर्क बहुत बड़ा लगने लगता है और यही छोटा-छोटा फर्क परिवारों में विघटन का कारण बनता है, छोटे छोटे शब्दों को बोलकर हम कितना बोझ इकट्ठा कर लेते हैं। शरीर का टेंपरेचर नॉर्मल रहेगा तो शरीर स्वस्थ रहेगा इसी तरह दिमाग का टेंपरेचर सही रहेगा तो दिमाग का टेंपरेचर नॉर्मल रहेगा जिससे कि परिवार में प्रेम प्यार और विश्वास बना रहेगा। घर के बड़े बुजुर्ग घर की छत होते हैं और अगर घर की छत ठंडी रहेगी तो पूरा मकान भी ठंडा रहेगा। अतः हमें घर के बड़े बुजुर्गों का पूरा सम्मान करना चाहिए,।
श्रीसंघ मंत्री अजीत नाहर ने बताया कि आज वर्चुअल धर्म सभा में सामूहिक तेला तप की आराधना के अंतर्गत सौ से अधिक तपस्वियों ने दूसरे उपवास के प्रत्यख्यान लिए।