वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ श्री मनीष मालानी।
जयपुर।14 जुलाई 2020 से भंग जिला संगठनों और जिलाध्यक्षों की नियुक्ति को लेकर प्रदेश कांग्रेस में अब कवायद तेज हो गई है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए इसे लेकर खुद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने मोर्चा संभाला है। अखिल भारतीय कांग्रेस कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) जिलों के प्रभारियों से 30 जून तक संभावित जिलाध्यक्षों के लिए तीन-तीन नामों के पैनल मांगे हैं।
ऐसा पहली बार हुआ है जब प्रदेश कांग्रेस की बजाए सीधे एआईसीसी की ओर से जिलाध्यक्ष के लिए नाम मांगे गए हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से प्रदेश कांग्रेस के जिला प्रभारियों को एक परफॉर्मा भेजा गया है, जिसमें जिलाध्यक्षों के संभावित तीन- तीन नामों का पैनल बनाकर भेजना है। साथ ही जिलाध्यक्षों के नामों की सिफारिश करने वाले नेताओं, विधायकों और आला नेताओं के नाम भी लिख कर परफॉर्मा में भेजने हैं।
प्रदेश प्रभारी अजय माकन के निर्देश पर प्रदेश के सह प्रभारी तरुण कुमार ने सभी जिलों के प्रभारियों को फोन करके 30 जून तक तीन- तीन नामों का पैनल बनाकर दिल्ली भेजने के निर्देश दिए हैं। परफॉर्मा व्यक्तिगत या फिर मेल के जरिए भी भेजने को कहा गया है।
बीते साल जुलाई माह में राजनैतिक संकट के दौरान कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कार्यकारिणी, 39 जिलों के जिलाध्यक्ष, ब्लॉक और प्रकोष्ठ विभागों को भंग कर दिया था। प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष बनने के बाद गोविंद सिंह डोटासरा करीब 6 माह बाद प्रदेश कार्यकारिणी तो घोषित कर दी थी। लेकिन जिला और ब्लॉक लेवल पर संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं हो पाई। हालांकि इसके पीछे कोरोना महामारी को एक बड़ी वजह बताया जा रहा है। अब जैसे ही कोरोना महामारी का प्रकोप कम हुआ है तो जिलाध्यक्षों की नियुक्ति की कवायद कांग्रेस आलाकमान ने तेज कर दी है।
वहीं दूसरी ओर 11 माह बाद भी जिलों में जिलाध्यक्षों की नियुक्ति नहीं होने को लेकर कई विधायक और नेता भी प्रदेश नेतृत्व पर सवाल खड़े कर चुके हैं कि जिलों में संगठनात्मक नियुक्तियां नहीं होने से कामकाज ठप पड़ा है। ऐसे में जल्द से जल्द जिलाध्यक्ष और ब्लॉक अध्यक्षों की नियुक्तियां होनी चाहिए। जिलाध्यक्षों की नियुक्तियां नहीं होने से फिलहाल संगठन का कामकाज निवर्तमान जिलाध्यक्ष के भरोसे ही है।
सूत्रों की माने तो जिलाध्यक्षों के लिए संभावित नामों को लेकर विधायक, मंत्री, सांसद, पूर्व सांसद, पूर्व विधायक, अग्रिम संगठनों , पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से रायशुमारी की जा रही है और रायशुमारी के आधार पर ही तीन तीन नामों के पैनल तैयार किए जा रहे हैं।