वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़-अंकेक्षण की गुणवत्ता के लिए अंकेक्षक का रोटेशनल परिवर्तन आवश्यक है। वास्तव में जो एक स्वतंत्र अंकेक्षक से आशा की जाती है कि वह पूर्ण दक्षता के साथ अंकेक्षण कार्य करें तो बारी बारी से अंकेक्षक का परिवर्तन होना महत्वपूर्ण है, उक्त विचार चित्तौड़गढ़ ब्रांच द्वारा आयोजित वेबीनार में सीए वी॰ रामकृष्णा ने व्यक्त किए ।रिसर्च कमेटी के तत्वाधान में आयोजित वेबीनार में मुख्य अतिथि सेंट्रल काउंसिल मेंबर एवं रिसर्च कमेटी के चेयरमैन सीए अनुज गोयल ने सदस्यों से नए नए अनुसंधान कर अपने अनुभव व सुझाव रिसर्च समिति को भेजने का निवेदन किया जिससे समयानुसार परिवर्तन किया जा सके। वेबीनार के प्रारंभ में सीए ब्रांच चेयरमैन सीए राकेश शिशोदिया ने 73वें सीए डे की अग्रिम बधाई देते हुए सभी का स्वागत किया । ब्रांच सिकासा चेयरमैन सीए नीरव दोषी ने स्पीकर एवं कोषाध्यक्ष सीए वैभव सोमानी ने मुख्य अतिथि का परिचय प्रस्तुत किया । ब्रांच उपाध्यक्ष सीए योगेश काबरा के अनुसार वेबीनार में देश भर से 3000 से अधिक सीए सदस्यों आईसीएआई लाइव टीवी के माध्यम से भाग लिया । वेबीनार के अंत में ब्रांच सचिव सीए बी के डाड ने धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया। वेबीनार का सफल संचालन रिसर्च कमेटी के सेक्रेटरी अमित अग्रवाल ने किया।