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चित्तौड़गढ़- संयुक्त संघर्ष एवं को- ऑर्डिनेशन समिति ने किसानों और मजदूरों की पंद्रह समस्याओं पर पीएम सीएम के नाम डीएम को सौंपा ज्ञापन।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
संयुक्त संघर्ष एवं को- ऑर्डिनेशन समिति ने किसानों और मजदूरों की पंद्रह समस्याओं पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन जिला कलक्टर को सौंप समिति के जिला संयोजक लुणाराम सियाग ने सभी समस्याओं के शीघ्र निराकरण के लिए आग्रह किया।
ज्ञापन सौपते समय समिति के जिला संयोजक लुणाराम सियाग, राजस्थान किसान सभा के जिला महासचिव प्रभात सिन्हा, भारतीय जागरूक किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभियन्ता अनिल सुखवाल, सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष कालू लाल सुथार, इंटक से विमल जैन, सीटू के जिला महासचिव आर के सिंह, मिड डे मील से कालीबाई, सीपीएम के मोहम्मद इकबाल हुसैन आदि ने अपने हाथों में तख्तियां पकड़कर अपनी मांग को आमजन में प्रसारित कर ज्ञापन दिया।
ज्ञापन में बताया गया कि सभी को कोरोना रोधी वैक्सीन लगाई जाए। जनविरोधी भेदभाव पूर्ण कारपोरेट समर्थक वैक्सीन नीति को समाप्त किया जावे। स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाकर आबादी के अनुपात में अस्पताल, बैड़, ऑक्सीजन और दवा का इंतजाम किया जावे। सार्वजनिक स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जावे आवश्यक स्वास्थ्य कर्मियों की भर्ती कर कार्यरत डॉक्टर्स, नर्सेज पैरामेडिकल स्टाफ एवं ठेका कर्मियों को नियमित किया जावें। सभी नियोक्ताओं द्वारा मजदूरों की छटनी, वेतन में कटौती ना करने के आदेश दिए जावे तथा इसे सख्ती से लागू किया जाए। मकान मालिकों द्वारा घरों से बेदखली पर रोक लगाई जावे। अंतरराज्यीय प्रवासी कामगार अधिनियम 1979 को तत्काल बहाल किया जावे। मजदूरों को पहचान पत्र, राशन, इलाज, पेंशन की सुविधा दी जावें। मजदूर विरोधी चारो लेबर कोड, जनविरोधी तीनों काले कृषि कानूनों और बिजली (संशोधन) विधेयक को रद्द किया जावें। निजी करण और विनिवेश बंद किया जावें। कोरोना काल के दौरान बेरोजगार हुए लोगों को प्रतिमाह ₹7500 की आर्थिक सहायता राशि प्रदान की जावें। 6 महीनों के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिमाह 10 किलो मुफ्त राशन वितरण किया जावे। राशन में गेहूं, चावल के साथ चीनी, दाले, नमक, खाद्य तेल, मसाले, चाय की पत्ती, साबुन, मास्क व सैनिटाइजर भी साथ में दिया जावें। कोविड-19 के अलावा भी अन्य रोगीयों को भी सरकारी अस्पतालों में प्रभावी उपचार देना सुनिश्चित किया जावें। सभी स्वास्थ्य कर्मियों एवं फ्रंटलाइन वर्कर्स का पचास लाख रूपये का बीमा किया जावे। सभी स्वास्थ्य कर्मीयों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को सुरक्षात्मक गियर, पीपीई किट, मास्क, ग्लब्स, जूते, सैनिटाइजर आदि उपकरण उपलब्ध कराए जावें। मार्च 2020 से आज तक मिड डे मील मजदूरों को वेतन नहीं मिला है जिसका उन्हें शीघ्र भुगतान कराया जावें।
ज्ञापन में सभी मांगों के शीघ्र निराकरण कर राहत प्रदान कराने की अपील की गई।
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