वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।
चित्तौड़गढ़। पर्यावरण बचाओ समिति, चित्तौड़गढ़ के तत्वावधान में 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस पर शहर भर के सभी नीम वृक्षों पर दिव्य औषधिय गिलोय का रोपण कर मनाया जाएगा।
यह जानकारी देते हुए पर्यावरण प्रेमी सुनिल अग्रवाल ने बताया कि आज शहर के विभिन्न सामाजिक संगठनों, पर्यावरण प्रेमियों को एक साथ लाकर ऑनलाईन प्लेटफार्म पर एक बैठक का आयोजन कर 5 जून विश्व पर्यावरण दिवस मनाना का निर्णय लिया गया। इसमें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की पर्यावरण गतिविधि, चित्तौड़ी आटम महोत्सव समिति, पद्मावती सेवा संस्थान, सुपर 20 जैसे पर्यावरण क्षेत्र के काम करने वाले संगठन एवं समाज के लोगों को शामिल किया गया साथ ही अन्य संगठनों सेे इस मुहिम में जुड़ने का आह्वान किया गया।
दिव्य औषधी गिलोय के बारे में ऑनलाईन चर्चा में पर्यावरण प्रेमी धर्मपाल गोयल ने बताया कि आयुर्वेद की इस कोरोना काल में दी जाने वाली समस्त औषधियों में गिलोय का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके काढ़े के स्वरस से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा रसायन के रूप में इसका उपयोग करने से शरीर के रोगों का निदान किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि घर के बाहर पेड़ों पर गिलोय लगा सकते हैं। जिनके पास न हो वो हमने सम्पर्क कर सकते हैं।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक के विभाग सम्पर्क प्रमुख भूपेन्द्र आचार्य ने घर-घर अमृता अभियान पर चर्चा की। उन्होंने द्वितीय चरण में हर घर में गिलोय लगाये जाने का आह्वान किया। बताया कि यह आसानी से घर के गमले में चल सकती है। चित्तौड़ी आटम महोत्सव समिति के अध्यक्ष मुकेश नाहटा ने अभियान को चरणबद्ध तरीके से चलाने का आह्वान किया। 5 जून को एक विशेष स्थान पर गिलोय का रोपण कर शहर के समस्त वार्डों में नीम के पेड़ों पर नीम गिलोय का रोपण किया जाएगा।
बैठक में भूपेन्द्र आचार्य, धर्मपाल गोयल, मुकेश नाहटा, प्रहलाद प्रजापत, सुनिल अग्रवाल, राजन माली, बसंत गोयल, दीपक तिवाड़ी, कृष्णगोपाल दाधीच, सतीश सोनी, दीपक अहीर, भगवतीलाल, अमन गौड आदि ने भाग लिया। पर्यावरण गतिविधि के जिला संयोजक भेरूलाल भोई ने व्यक्त किया।