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संयुक्त किसान मोर्चा ने चन्देरिया में काला दिवस मना किसान आन्दोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि।

वीरधरा न्यूज़।चित्तौड़गढ़@ डेस्क।

संयुक्त संघर्ष एवं कोऑर्डिनेशन समिति चित्तौड़गढ़ ने चंदेरिया में बुधवार को प्रातः 10:00 बजे काला दिवस मनाते हुए किसान आन्दोलन में शहीद हुए किसानों को श्रद्धांजलि प्रदान की गई,
गौरतलब है कि पूरे देश में संयुक्त किसान मोर्चा के आव्हान पर आजका दिन काल दिवस के रूप में मनाकर किसानों द्वारा तीनों काले बिलों का विरोध किया जा रहा है, आज किसान आंदोलन को 6 माह पूरे हो चूके है आज 26 मई को काला झंडा लगाकर सर्वप्रथम किसान आंदोलन में शहीद हुए किसान भाइयों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया और दो मिनट का मौन रखा गया, जिसमें संयुक्त मोर्चा में सम्मिलित विभिन्न संगठनों के कई पदाधिकारी मौजूद रहे जिनमें भारतीय जागरूक किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष अभियंता अनिल सुखवाल, सीटू के प्रदेश उपाध्यक्ष कालुराम सुथार, जनवादी महिला समिति से फेकी देवी सुथार, हेमराज नायक, मुंशी मोहम्मद, जगदीश सुथार, चित्तौड़गढ़ सीटू के महासचिव- आर के सिंह, राजस्थान प्रदेश (सीटू) कार्यकारिणी के सदस्य कामरेड शिवदान सिंह, रेल्वे एससी एसटी एसोसिएशन के आर एस गढ़वाल, राजस्थान किसान सभा से प्रभात देवी चौधरी ने काला दिवस मनाते हुए शहीद किसानों को श्रद्धा सुमन अर्पित किए और हाथों में तख्तियां लेकर केन्द्र सरकार के तीनों काले कृषि कानूनों को वापस लेवें नहीं तो पीएम मोदी कुर्सी छोड़े की मांग की।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से अभियन्ता अनिल सुखवाल ने कहा कि देश की जनता को गुमराह कर मोदी सत्ता में आए, उनके भाषणों के अनुसार उनका देश में पहला काम 100 दिन में काला धन वापस लाकर जनता के एक-एक खाते में 15-15 लाख रुपए डालने जैसे झूठे सपने दिखाकर और अच्छे दिन लाने का झूठा झांसा देकर हमारे देश की बहुमूल्य संपत्ति जैसे बैंक, बीमा, रेल्वे, रक्षा क्षेत्र आदि को निजीकरण के हवाले करते हुए फिर वैश्विक बाजार के दबाव में उनके निजी फायदे के लिए देश के आमजन और किसानों को तीनों काले कृषि कानूनों, बिजली विधेयक 2020, मजदूर कर्मचारियों के हित के श्रम कानूनों को समाप्त करने के साथ ही देश के फुटकर व्यापार को भी विदेशी कंपनियों के हवाले कर दिया गया है, जिसे सहन नहीं किया जाएगा अब या तो मोदी अपनी गलतियों को सुधार करें अन्यथा वह अपने पद से त्याग करें, संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि देश के मूलभूत बाजार के ढ़ांचे को समाप्त कर लॉकडाउन के माध्यम से ऑनलाइन बाजार का निर्माण किया जा रहा है तो वही दूसरी ओर स्थानीय व्यापारियों को हफ्ते में सीमित दिन ही बाजार खोलने की अनुमति दी जा रही है, बाजार की व्यवस्था ऑनलाइन कर देने से देश का फुटकर व्यापारी और मजदूर संकट में है लोक डाउन में बड़े व्यापारियों को नुकसान नहीं हो रहा जबकि छोटे व्यापारियों की तबाही हो रही है भारत सरकार ऐसी नीति बनावे की 4 घंटा बाजार खुले तो पूरा बाजार खुले जिससे दुकानों में भीड़ नहीं पड़े और सभी को थोड़ी बहुत राहत मिल सके या तो बाजार पूर्ण बंद हो उन छोटे दुकानदारों, मजदूरों और टेम्पू चालकों को सरकार प्रति सप्ताह मुफ्त राशन उपलब्ध करावे।

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