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ऑनलाइन ठगी का नया तरीका, जेब मे पड़ा क्रेडिट कार्ड, फिर भी ठगों ने विदेशी मुद्रा में 57 हजार रुपये की शॉपिंग की।

वीरधरा न्यूज़। उदयपुर @ चौहान न्यूज़ एजेंसी
उदयपुर. अब तक एटीएम कार्ड की क्लाेनिंग या फाेन पर आटीपी जानकर ठगी की वारदाताें के बारे में सुना था लेकिन अब नए तरीके से ऑनलाइन ठगी का मामला सामने आया है। ऑनलाइन ठगी की ऐसी पहली वारदात हुई जिसमें क्रेडिट कार्ड परिवादी की जेब में हाेने के बाद भी खाते से 56 हजार 790 रुपए की शाॅपिंग कर ली गई। इसमें भी खास बात यह है कि शाॅपिंग रुपए में नहीं बल्कि यूराेप, यूक्रेन और अमेरिका की करंसी में की गई। परिवादी सेक्टर-14, इंद्रप्रस्थ काॅम्पलेक्स निवासी सपन पुत्र कमल वरधानी ने सवीना थाने में रिपाेर्ट दी है। इसमें बताया कि उसके पास एसबीआई का क्रेडिट कार्ड है।

इस पर 26 नवंबर की रात तीन ट्रांजेक्शन से 56 हजार 790 रुपए की शाॅपिंग हुई। जबकि कार्ड उसके पास ही माैजूद था। जानकारी मिलते ही कस्टमर केयर से कार्ड काे ब्लाॅक करवाया। कार्ड के स्टेटमेंट में यूराेप की करंसी में 56 हजार रुपए, अमेरिका की करंसी में 341 रुपए और यूक्रेन करंसी में करीब 2 रुपए की शाॅपिंग बताई गई। इसकी साइबर क्राइम की वेबसाइट पर शिकायत की और सवीना थाने में रिपाेर्ट भी दर्ज करवाई। सपन ने बताया कि कार्ड ब्लाॅक करवाने के लिए फाेन किया तब भी एक ट्रांजेक्शन हुआ, अगर समय पर ब्लाॅक नहीं करवाता ताे ठग पूरी 3 लाख लिमिट की शाॅपिंग कर सकते थे।

खास बात : 56 हजार रुपए खाते में लाैटे, अगले दिन फिर चले गए

सपन ने बताया कि गुरुवार रात 639 यूराे यानि 56 हजार रुपए, 4.61 अमेरिकी डाॅलर यानी 341 रुपए और 1 युक्रेनियाई रिव्निया यानी करीब दाे रुपए की शाॅपिंग हुई थी। इसमें से शुक्रवार को 56 हजार की राशि फिर से खाते में आ गई, जिसका स्क्रीनशाॅट ले लिया। इसके बाद शनिवार को खाता देखने पर पता चला कि इस राशि से फिर से शाॅपिंग हाे गई। इसके बाद बैंक पहुंच पता किया तो उन्हाेंने कोई ट्रांजेक्शन नहीं दिखने की बात कही। स्क्रीनशाॅट दिखाने पर बैंक ने बात मानी। साथ ही पहले 4.61 अमेरिकी डाॅलर के 341 रुपए और 1 युक्रेनियाई रिव्निया में दाे रुपए की शाॅपिंग हुई थी।

एक्सपर्ट बोले-

ऑनलाइन गेमिंग एक्टिव हाेने पर भी कट सकती है राशि
साइबर एक्सपर्ट श्याम चंदेल ने बताया कि इस तरह की ठगी में तीन तरीके उपयाेग किए जा सकते हैं। विदेशी साइट पर शाॅपिंग करने पर कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट और सीवीवी नंबर ही मांगा जाता है। ऐसे में पहले तरीके में ठग पहले से मिलीभगत कर कार्ड की डिटेल पता कर उपयाेग कर सकते हैं। दूसरा यह कि उपभाेक्ता कभी गलती से ऑनलाइन गेमिंग एक्टिवेशन कर देते हैं, इससे भी राशि कट सकती है। वहीं तीसरे तरीका एटीएम की क्लाेनिंग करना हाेता है लेकिन क्रेडिट कार्ड में कार्ड क्लाेनिंग संभव नहीं है।

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