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पीडब्ल्यूडी निर्मित सरकारी क्वाटर्स हो रहे हैं जर्जर, कर्मचारी नरक भुगतने पर मजबूर

पत्रकार श्री दुर्गेश कुमार लक्षकार की रिपोर्ट
वीरधरा न्यूज़। चित्तौड़गढ़

चित्तौड़गढ़ में कर्मचारियों के लिए बनाए गए सरकारी क्वार्टर्स की उचित देखरेख नहीं होने से सरकारी क्वार्टर्स जर्जर अवस्था में पहुंच चुके हैं हालात यह है कि मजबूरी में सरकारी कर्मचारी इन क्षतिग्रस्त मिले हुए मकानों में ही रहने को मजबूर हैं वहीं दूसरी और इन जर्जर मकानों के सेप्टिक टैंक तक ओवरफ्लो हो चुके हैं एवं यहां से निकलने वाले पाइप और नालियां भी छतिग्रस्त हो चुकी है जिससे सेप्टिक टैंक का मलवा और दूषित पानी क्वार्टर में दुर्गंध के साथ साथ कई तरह की बिमारियाँ भी फैला रहा है, हद तो यह है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग ने आज दिन तक सरकारी क्वार्टर्स की सुध तक नहीं ली है वही सरकारी अधिकारी व कर्मचारी स्वच्छता अभियान का ढिंढोरा पीटते नजर आते हैं जिसकी सत्यता यह है कि सरकारी कर्मचारियों द्वारा पीटा जाने वाला ढिंढोरा मात्र एक ढकोसला नजर आ रहा है एवं स्वच्छता अभियान सिर्फ कागजों में ही सिमट कर रह चुका है सरकारी क्वार्टर्स के आस पास फैल रही गंदगी साफ नहीं होने से सरकारी क्वार्टर का क्षेत्र बीमारियों का भी अड्डा बन चुका है लेकिन यहां पर रह रहे सरकारी अधिकारी व कर्मचारी या तो इससे बेखबर है या फिर स्वच्छता अभियान केवल सरकारी आंकड़ों एवं कागजों में ही सिमट कर रह गया है|

सत्तर के दशक में बने थे यह पीडब्ल्यूडी के सरकारी क्वार्टर्स
चित्तौड़गढ़ के प्रताप पैलेस के पीछे के क्षेत्र में स्थित यह सरकारी क्वार्टर्स करीब 1974 में बने थे जिन्हें निर्मित हुए करीब 50 साल होने आए हैं लेकिन कर्मचारियों के हाउस रेंट के एवज में मिलने वाले इन क्वार्टर्स का समय पर मेंटेनेंस भी नहीं हो पा रहा है यहां पर रहने वाले कर्मचारी अपनी जेब से ही छोटा-मोटा मेंटेनेंस करा कर जैसे तैसे जीवन व्यतीत कर रहे हैं इधर सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों के क्वार्टर्स के ऊपर ही पूरी मेंटेनेंस की राशि खर्च कर दी जाती है वहीं दूसरी ओर यह दूसरे कर्मचारी नारकीय जीवन जीने पर मजबूर हैं|

हवा में उड़ा स्वच्छता अभियान और नियमों को धता बता रहे पीडब्ल्यूडी के उच्च अधिकारी
जहां एक और स्वच्छ भारत अभियान को लेकर सभी विभागों को सरकार द्वारा निर्देश दिए जाते हैं लेकिन पीडब्ल्यूडी के इस क्षेत्र में फैले गंदगी के अंबार से लगता है कि इस विभाग का इस ओर या तो ध्यान नहीं गया है या फिर पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों पर सरकार के निर्देशों की पालना करने का समय तक नहीं है साथ ही ऐसा भी प्रतीत होता है की स्वच्छ भारत अभियान को सार्वजनिक निर्माण विभाग ठेंगा दिखा रहा है लगता है कि सार्वजनिक निर्माण विभाग के पास सफाई कराने तक का भी मद शेष नहीं है, जिससे यहां पर रह रहे कर्मचारियों में भी रोष व्याप्त है|

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