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हनुमंत भक्ति व आराधना का केन्द्र बन रहा कारोई का श्रीसांवरिया हनुमान मंदिर

लेटे हुए बालाजी की 28 फीट प्रतिमा वाला राजस्थान का पहला मंदिर
वरिष्ठ पत्रकार श्री नीलेश कांठेड़ की रिपोर्ट
भीलवाड़ा . त्रेता युग में भगवान राम की सेवा करने वाले पवनपुत्र हनुमान की आराधना हर युग में होती आई है। कोई उन्हें महावीर, कोई संकटमोचक तो कोई बालाजी के नाम से भी पुकारता है। चाहे जिस नाम से पुकारे बस भक्ति समर्पित भाव से होनी चाहिए। दिल से पूजा करने वाले भक्तों की सहायता के लिए हनुमानजी हर समय पहुंचते है। मेहंदीपुर बालाजी, सालासर बालाजी जैसे स्थान तो हनुमंत आराधना के लिए करोड़ो भक्तों की आस्था का केन्द्र है। भविष्य में हनुमंत भक्ति का ऐसा एक नया केन्द्र राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में ज्योतिष नगरी कारोई में राजमार्ग किनारे निर्माणाधीन श्रीसांवरिया हनुमान मंदिर होगा। यहां पर मार्च में 28 फीट के लेटे हुए बालाजी की प्रतिमा विधिवत स्थापित की गई है। लेटे हुए बालाजी की इतनी विशालकाय प्रतिमा वाला ये राजस्थान का पहला स्थान होगा। भीलवाड़ा के संकटमोचन हनुमान मंदिर के पूज्य महन्त बाबूगिरीजी महाराज व विभिन्न संतों के सान्निध्य में प्रतिमा स्थापना के बाद से ही यहां प्रतिदिन पूजा अर्चना भी शुरू हो गई। राजमार्ग से गुजरने वाले लोग भी दर्शनों के लिए यहां पहुंच रहे है। प्रतिमा स्थापना स्थल पर विशाल व भव्य मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है। करीब तीन वर्ष में ये कार्य पूरा होने के बाद भक्ति व आराधना का बहुत बड़ा धार्मिक केन्द्र कारोई बनेगा इसमें कोई संदेह नहीं है।

कैसे आया मन में विचार
भीलवाड़ा में मुख्य डाकघर के सामने स्थित संकटमोचन हनुमान मंदिर के महन्त बाबूगिरीजी महाराज ने हनुमानजी की सेवा में जीवन को समर्पित कर दिया है। उन्हीं के सान्निध्य में इस मंदिर पर हनुमान जयंति, जन्माष्टमी पर भव्य आयोजन हो रहे जिन्होंने एक खास पहचान बनाई। पूज्य बाबूगिरीजी महाराज के मन में ही लेटे हुए बालाजी की विशाल प्रतिमा स्थापना का विचार आया। इसके बाद दौसा क्षे़त्र में एक ही बड़े लाल पत्थर से इस प्रतिमा का निर्माण कराया गया। कुछ वर्ष पहले प्रतिमा भीलवाड़ा आई तो लोग दर्शनों व पूजा के लिए भक्त उमड़ पड़े। सबका यही सवाल होता था कि हनुमानजी की ये प्रतिमा कहां स्थापित होगी। जवाब हमेशा यहीं होता था कि हनुमानजी जहां चाहेंगे वही स्थापना होगी। लेटे हुए हनुमानजी की इस विशाल प्रतिमा को स्थापित करने से पूर्व संगम स्नान के लिए प्रयागराज भी ले जा गया। इस दौरान लाखों भक्तों को दर्शनों का सौभाग्य मिला। महन्त बाबूगिरीजी कहते है कि भगवान की प्रेरणा से इस तरह का विचार मन में आया और भगवान के आशीर्वाद से ही प्रतिमा स्थापित होकर भव्य मंदिर निर्माण का कार्य भी शुरू हो गया।

मंदिरों में हनुमानजी की भक्ति के लिए निःशुल्क मिल रही प्रतिमाएं
पूज्य महन्त बाबूगिरीजी महाराज हर गांव- शहर में बालाजी के जयकारे गूंजे और भक्ति हो इसी भावना से हनुमानजी की प्रतिमाएं निःशुल्क वितरित करते आ रहे है। पहले पुर के पास हाथीभाटा मंदिर से इनका वितरण किया जा रहा था। अब प्रतिमा वितरण केन्द्र कोरोई में श्रीसांवरिया हनुमान मंदिर परिसर में ही स्थापित हो गया है। यहां से कोई भी भक्त निःशुल्क हनुमान प्रतिमा अपने क्षेत्र के मंदिर में इनकी स्थापना के लिए ले जा सकता है। प्रतिमा प्राप्ति के संबंध में अधिक जानकारी के लिए पूज्य श्रीबाबूगिरीजी महाराज से उनके मोबाइल नंबर 9461262625 पर भी सम्पर्क किया जा सकता है।

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